इंदौर.
इंदौर नगर निगम में करोड़ों रुपए का घोटाला कर फरार हुआ 25 हजार का ईनामी भ्रष्ट इंजीनियर अभय राठौर पकड़ा जा चुका है. खबरों के अनुसार वह उत्तर प्रदेश के एटा में अपने बेटे के ससुराल में खातिरदारी करवा रहा था. उस दौरान उसे पुलिस ने दबोच लिया. शहर की जनता पूछ रही है कि इंदौर नगर निगम में करोंड़ों के घोटालों की जांच के बीच प्रतिनियुक्ति पर आए आला अधिकारियों की भी जांच सीबीआई से कराएं जाए. निगम में सेवाएं देते हुए कैसे करोड़ो रूपये की प्रापर्टी इंदौर शहर में खरीद ली.
नगर निगम को उसके गुलाब बाग के बंगले पर अवैध नल कनेक्शन भी मिले, जो मेनलाइन से उसने जुड़वा रखा था. उसके तीन निजी टैंकर थे. टंकी से वह टैंकरों को भरता था और अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से पानी को बेचने का काम भी करत था. नगर निगम ने उसके बंगले की टंकी खाली करवा कर अवैध नल कनेक्शनों का पता लगवाया. निगमायुक्त शिवम वर्मा राठौर की संपत्तियों का भी पता लगा रही है, ताकि घोटाले की राशि अफसर से ही वसूली जा सके. इस मामले में प्रदेश सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी बनाई है, जो घोटाले की जांच कर रही है.
जबकि इंदौर में निवास करने वाले निगम कर्मचारी आज भी कई किराए के मकान में अपना जीवन यापन करने पर क्यों मजबूर हैं. महापौर जी हिम्मत दिखाएं और प्रतिनियुक्ति वाले अधिकारियों की जांच करवाते हुए फौरन निगम से बाहर करें. वहीं निगम में ढेरों अपर आयुक्त और उपायुक्त की भरमार हो चुकी है, जिसकी शहर में कोई आवश्यकता नहीं है, उनकी भी रवानगी कर शहरवासीयों के द्वारा दिया जा रहा टैक्स वास्तव में शहरविकास में खर्च होना चाहिए ना कि भष्ट्राचारियों के घर महलों में बदल जाए ऐसा विकास भी इस शहरवासियों को नहीं चाहिए.
वहीं उसे आज सुबह इंदौर भी लाया जा चुका है. पता चला है कि राठौर ने फरारी के बाद एक नया नंबर खरीदा था, जो पुलिस के हाथ लग गया. जैसे ही उसने उक्त नए नम्बर से एक टैंकर ड्राइवर को फोन किया.
पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली. इतना ही नहीं, जब पुलिस उसे बेटे के ससुराल से गिरफ्तार करने पहुंची तो रिश्तेदारों ने गिरफ्तारी का विरोध भी किया और भाजपा नेता भी आ धमके. जब पुलिस ने नेताओं और रिश्तेदारों के सामने राठौर का काला चिट्ठा खोला तब राठौर को इंदौर लाने दिया गया.
अब उम्मीद है कि राठौर से कई नई चौंकाने वाली जानकारियां भी हाथ लगे. फिलहाल पुलिस पूछताछ जारी है. और कितने घोटाले बाज समाने आते है, देखना बाकी है, या फिर कुछ दिनों हल्ला मचने के बाद मामला रफादफा हो जाएगा. पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराएं जाने की आवाज जनता उठा रही है कि उनका टेक्स का पैसा सही कामों में ना होते हुए इंदौर नगर निगम में करोड़ों रुपए का घोटाला करने वालों को कैसे मिल जाती है, राहत.
अगर ऐसा ही है, तो शहरवासियों से टैक्स लेना बंद कर दो. नहीं चाहिए ऐसा विकास जहां करोंड़ो का घोटाला हो जाए और सरकार चुप बैठी रहे. सरकार और निगम महापौर क्यों नहीं 25 सालों में हुए इंदौर नगर निगम में करोड़ों रुपए का घोटालों की जांच सीबीआई से कराएं और प्रतिनिधि पर बैठे आला अधिकारियों को भी जांच कराई जाए तो कई मामले और भी उजागर हो सकते है, बशर्ते शहरवासियों के प्रति ईमानदारी दिखाएं