एपी की रिपोर्ट के अनुसार, सुनक पर ब्रेवरमैन को बर्खास्त करने का दबाव बढ़ रहा था. गौरतलब है कि ब्रेवरमैनने इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने बाद लंदन में होने वाले प्रदर्शनों से सख्ती से नहीं निपटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने मेट्रोपालिटन सिटी पुलिस पर निशाना साधा था.
ब्रेवरमैन ने कहा कि लंदन का पुलिस बल फिलिस्तीनी समर्थक भीड़ द्वारा कानून तोड़ने की अनदेखी कर रहा था. उन्होंने गाजा में संघर्ष विराम का आह्वान करने वाले प्रदर्शनकारियों को नफरत फैलाने वाले बताया था. उनके इस बयान के बाद विपक्षी पार्टी के साथ ही उनकी पार्टी के भी कुछ लोग उन्हें हटाए जाने की मांग कर रहे थे.
ब्रेवरमैन की लेख पर डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा था कि उसे ब्रेवरमैन पर पूरा भरोसा है, लेकिन वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि द टाइम्स में एक ओपिनियन लेख में उसकी टिप्पणियाँ बिना पीएम सुनक की सहमति के बिना कैसे प्रकाशित की गईं. इसके साथ ही सुनक के एक प्रवक्ता ने कहा था कि ओपिनियन लेख, पीएम के विचारों से मेल नहीं खाते हैं.