नई दिल्ली: कर्नाटक के उडप्पी में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब विवाद के बीच अब पाकिस्तान की एंट्री हो चुकी है. पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को तलब कर इस पूरे घटना क्रम पर चिंता जाहिर की. पाकिस्तान ने मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की निंदा की. पाकिस्तान अपने इस कदम से वाहवाही लूटना चाह रहा था, लेकिन अब उसे भारत ने करारा जवाब दिया है. भारतीय मीडिया ने राजनयिक अधिकारियों के हवाले से खबर दी है हिजाब विवाद को लेकर पाकिस्तान को जवाब दिया गया है कि भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने से पहले खुद का रिकॉर्ड ट्रैक करना चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय राजदूत सुरेश कुमार ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है. भारत में एक प्रक्रिया के तहत काम होता है उसे पहले अपने ट्रैक रिकॉर्ड को देखना चाहिए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात एक बयान में बताया कि भारतीय राजनयिक को भारत में मुसलमानों के खिलाफ कथित धार्मिक असहिष्णुता, नकारात्मक रूढ़िवादिता, कलंक और भेदभाव को लेकर पाकिस्तान की गहरी चिंता से अवगत कराया गया.
बयान के अनुसार, इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सरकार को कर्नाटक में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के दोषियों की जवाबदेही तय करनी चाहिए और मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने चाहिए.
पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से यह बयान जारी किया गया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि मुसलमान लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया को यह समझना चाहिए कि ये सब मुसलमानों को घेटो में रखने की नीति का हिस्सा है.
वहीं हिजाब विवाद पर पाकिस्तान की महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत सरकार को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की उपेक्षा न हो इस इस ओर कदम उठाना चाहिए.