पाकिस्तान. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सोमवार को गैर-जमानती वॉरंट जारी किया गया है. द डॉन ने यह जानकारी दी है. एक महिला जज को धमकाने के आरोप में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुए थे. सिविल जज राना मुजाहिद रहीम ने तीन पन्ने का फैसला जारी किया. इमरान खान ने व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेशी से छूट की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया. कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह 29 मार्च से पहले इमरान खान को पेश करे. जियो न्यूज की जानकारी के मुताबिक, इमरान खान को अरेस्ट करने के लिए इस्लामाबाद पुलिस हेलिकॉप्टर से लाहौर पहुंची है.
पिछले साल इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव हार गए थे, जिस कारण उन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा था. इमरान खान एक बार फिर सुनवाई में शामिल नहीं हुए. इसके इतर, उन्होंने एक याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने जज के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट मांगी थी. उन्होंने कोर्ट से वीडियो लिंक के जरिए सुनवाई में शामिल होने की इजाजत मांगी थी. सुनवाई के दौरान, पीटीआई चीफ के वकील इंतजार हैदर ने कहा कि 71 साल के इमरान खान के लिए इस्लामाबाद सेफ नहीं है और उनकी सुरक्षा को खतरा है. वकील ने कहा कि इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट से वर्चुअली पेशी की इजाजत मांगी है.
इससे पहले सेशन्स कोर्ट ने पीटीआई चीफ की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि अगर इमरान खान आज कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद 12.30 बजे तक कोर्ट की सुनवाई स्थगित कर दी गई. जज ज़ेबा चौधरी पर धमकी देने के आरोप में इस्लामाबाद के मरगल्ला पुलिस स्टेशन में पीटीआई अध्यक्ष के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
पिछले साल अगस्त में, इमरान खान ने अपने स्पेशल असिस्टेंट शाहबाज़ गिल के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक रैली की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें हिरासत में प्रताड़ित किया जा रहा है. उस भाषण के दौरान, इमरान खान ने जज ज़ेबा चौधरी को कथित रूप से धमकी देते हुए कहा था कि उन्हें खुद को अपने खिलाफ एक्शन के लिए तैयार कर लेना चाहिए.