कनाडा में 20 साल के एक भारतीय छात्र की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। छात्र हर्षनदीप सिंह पंजाब के रहने वाले थे। वह कनाडा के एडमोंटन शहर में बतौर सिक्योरिटी गार्ड काम करते थे। हर्षनदीप की हत्या CCTV में कैद हो गई थी, इसका वीडियो वायरल हो रहा है।
घटना बीते 6 दिसंबर को एडमोंटन की है। CCTV फुटेज में दिख रहा है कि हर्षनदीप सिंह को एक अपार्टमेंट की सीढ़ियों के रास्ते भागने की कोशिश करते समय पीछे से गोली मारी गई। जिस शख्स ने हर्षनदीप पर गोली चलाई, उसके अलावा एक लड़का और एक महिला भी मौके पर मौजूद थी। जब हर्षनदीप ने भागने की कोशिश की तो महिला ने पीछे से पकड़कर उसे रोकना चाहा। इसके ठीक बाद हमलावर ने हर्षनदीप पर गोली चला दी।
हर्षनदीप पंजाब में कहां के रहने वाले हैं और वह किस कोर्स की पढ़ाई करने कनाडा गए थे, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हर्षनदीप कनाडा में पढ़ाई के अलावा अपना खर्च चलाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी करते थे। हर्षनदीप की हत्या के मामले में इवान रेन और ज्यूडिथ सॉल्टो नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों की उम्र 30 साल बताई जा रही है।
हर्षनदीप की हत्या करने वाले आरोपियों पर फर्स्ट डिग्री मर्डर का आरोप लगा है। कनाडा जैसे कई देशों में हत्याओं को कई कैटेगरी में रखा जाता है। सुनियोजित हत्या या एक से ज्यादा लोगों की हत्या के मामलों को फर्स्ट डिग्री मर्डर की कैटेगरी में रखा जाता है। इसमें आरोप साबित होने पर मृत्युदंड या बिना पेरोल के आजीवन कारावास की सजा मिलती है।
इसी तरह लूट और डकैती के दौरान की जाने वाली हत्याओं को सेकेंड-डिग्री मर्डर माना जाता है। इसमें आजीवन कारावास की सजा मिलती है। इसी तरह असावधानी या लापरवाही से होने वाली हत्याओं को थर्ड डिग्री मर्डर की कैटेगरी में रखा जाता है।
कनाडा में रह रहे भारतीयों की हत्या कोई नई बात नहीं है। हाल ही में कनाडा में पंजाब के भारतीय छात्र गुरसिस सिंह की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कनाडा के सार्निया शहर के 36 साल के क्रॉस्ले हंटर को सेकेंड डिग्री मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
हर्षनदीप की हत्या के पीछे क्या वजह थी, अभी यह साफ नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। खालिस्तानी कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले से कनाडा और भारत के रिश्ते बिगड़ गए हैं। बीते सप्ताह 17 और 18 अक्टूबर को दोनों देशों ने अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था।
कनाडा में तैनात भारतीय राजदूत संजय वर्मा जब वापस आए तो उन्होंने मीडिया इंटरव्यू में कनाडा में रह रहे भारतीय स्टूडेंट्स की स्थितियों के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि पेरेंट्स को अपने बच्चों को कनाडा भेजने से पहले दो बार सोचना चाहिए। बड़ी तादाद में भारतीय छात्र कनाडा के नागरिकों से 4 गुना ज्यादा फीस दे रहे हैं, लेकिन उन्हें उनकी उम्मीद के मुताबिक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।