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भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा : भारत रूबल ही नहीं, चीनी करेंसी युआन में भी कर रहा तेल का पेमेंट

देश-विदेश Published by: paliwalwani Updated Thu, 16 Oct 2025 10:47 AM
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अमेरिका.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जहां एक ओर बड़ा दावा कर रहे हैं कि भारत (India) अब रूस (Russia) से तेल नहीं खरीदेगा.

वहीं दूसरी ओर रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक (Alexander Novak) का कहना है कि रूस लगातार भारत को कच्चे तेल के टॉप सप्लायर्स की लिस्ट में बना हुआ है. उन्होंने तो अब यहां तक दावा किया है कि भारत Russian Oil Import के पेमेंट के लिए अब सिर्फ रूबल ही नहीं, बल्कि चीनी करेंसी युआन में भी पेमेंट करने लगा है.

नोवाक बोले- ‘चीनी करेंसी में पेमेंट का हिस्सा कम’

सरकारी समाचार एजेंसी TASS को दिए एक इंटरव्यू में रूसी डिप्टी पीएम अलेक्जेंडर नोवाक ने बुधवार को कहा कि भारत ने रूसी तेल के लिए कुछ पेमेंट चीनी युआन में करना शुरू कर दिया है, हालांकि ज्यादातर लेनदेन अभी भी रूसी करेंसी रूबल में ही किए जाते हैं. उन्होंने बड़ा दावा करते हुए बताया कि, ‘मुझे पता है कि इस तरह के भुगतान शुरू हो गए हैं और मेरा मानना ​​है कि वर्तमान में यह प्रतिशत कम है.’ बता दें कि पुरानी रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत रूसी तेल के लिए मुख्यतः भारतीय करेंसी Rupee में भुगतान कर रहा था.

चीन के बाद दूसरा बड़ा खरीदार

रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा एवं स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (सीआरईए) के अनुसार, सितंबर में चीन के बाद भारत रूसी कच्चे तेल (Russian Crude Oil) का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों ने तेल व्यापार के निपटान के लिए युआन और यूएई करेंसी दिरहम समेत वैकल्पिक मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने का काम किया है, जिन पर लंबे समय से अमेरिकी डॉलर का ही वर्चस्व रहा है.

यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी तेल की बढ़ी खरीद

भारत, जो कि पारंपरिक रूप से मिडिल ईस्ट क्रूड ऑयल पर निर्भर है. इसने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से ही रूसी तेल के अपने आयात में जोरदार बढ़ोतरी की है. इसके पीछे रूस की ओर से किफायती दरों पर क्रूड ऑयल मुहैया कराना बड़ा कारण है. पश्चिमी प्रतिबंधों और यूरोपीय डिमांड में कमी के कारण Russian Oil पर भारी छूट मिलती है, जिसके चलते भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात कम ही समय में कुल कच्चे तेल आयात तब के के 1 फीसदी से बढ़कर अब करीब 40 फीसदी हो चुका है.

Donald Trump कर रहे हैं ये दावे

एक ओर जहां रूस के डिप्टी पीएम अलेक्जेंडर नोवाक भारत की रूसी तेल खरीद बढ़ने और इसके पेमेंट के लिए चीनी करेंसी तक के इस्तेमाल की बात कह रहे हैं. तो दूसरी ओर व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सामने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल के निरंतर आयात पर चिंता जाहिर की है.

उन्होंने आगे दावा किया कि पीएम मोदी ने आज मुझे आश्वस्त किया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे. यह एक बड़ा कदम है. अब हमें चीन को भी यही करने के लिए कहना होगा. हालांकि ट्रंप के दावे को लेकर भारत की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है.

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