वाशिंगटन : हमास और इस्राइल के बीच पांच माह से अधिक समय से जंग जारी है। युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हजारों लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल न तो जंग की रफ्तार कम हो रही है और न ही लोगों की जान की परवाह की जा रही है। इस बीच, अमेरिका (America) ने अपने सहयोगी देश को एक बार फिर युद्ध को लेकर चेताया है।
गाजा में इस्राइल-हमास के बीच करीब पांच महीने से संघर्ष जारी है। सात अक्तूबर को दक्षिण इस्राइल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में तीस हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। संघर्ष विराम को लेकर लगातार काहिरा में वार्ता चल रही है। एक तरफ इस्राइल ने कुछ शर्ते हमास के सामने रख दी हैं। वहीं हमास भी अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। ऐसे में चिंता बढ़ती जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) का कहना है कि जिस तरह से गाजा पर हमले किए जा रहे हैं वैसे इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) इस्राइल की मदद करने से ज्यादा उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सात अक्तूबर को जब हमास ने इस्राइल पर हमला बोल दिया था, उस समय से अमेरिका इस्राइल के साथ खड़ा हुआ है। हालांकि अब इस्राइल जिस तरह से युद्ध के मैदान में आगे बढ़ रहा है वो उसके सहयोगी देश को पसंद नहीं आ रहा है। अमेरिका लगातार निर्दोष लोगों की जान जाने पर अधिक ध्यान देने के लिए चेता रहा है।
बाइडन पिछले कई महीनों से चेतावनी दे रहे हैं कि गाजा में जिस तरह से नागरिकों की जान जा रही है, वैसे में इस्राइल अंतरराष्ट्रीय समर्थन खो सकता है। रिपोर्ट की माने तो तो यह टिप्पणी दोनों नेताओं के बीच तनावपूर्ण संबंधों की ओर इशारा करती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने गाजा में मरने वालों की संख्या को लेकर कहा कि यह आंकड़ा इस्राइल के खिलाफ है। मुझे लगता है कि यह एक बड़ी गलती है। उन्होंने आगे कहा कि गाजा के रफा पर हो रहे संभावित इस्राइली हमले अस्वीकार्य हैं। हालांकि, वह फिर भी इस्राइली नागरिकों को रॉकेट हमलों से बचाने वाले आयरन डोम मिसाइल इंटरसेप्टर जैसे हथियारों को नहीं हटाएंगे। बता दें, रफा में फिलहाल 13 लाख से अधिक लोग शिविरों में रह रहे हैं।
बाइडन से जब रफा को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह अस्वीकार्य है, लेकिन मैं इस्राइल का साथ नहीं छोड़ने वाला हूं। इस्राइल की रक्षा अभी भी महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं किसी भी हथियार को रोकने वाला हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि वह अपनी बात सीधे इस्राइल की संसद में रखेंगे।