Is It Unhealthy For Kids To Go To Bed Late : टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ ही बच्चों की सेहत पर काफी असर देखने को मिलता है। आजकल लगभग हर बच्चा स्मार्ट डिवाइज इस्तेमाल कर रहा होता है। बच्चों को इनकी लत इतनी पड़ जाती है, कि इसके कारण बच्चों को देरी से सोने की आदत हो जाती है।
बच्चे घंटों तक गेम्स और वीडियो कंटेंट देखते रहते हैं। इस आदत से न सिर्फ उनके शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। इसके साथ ही कुछ बच्चों को परिवार के साथ जगने की आदत होती है। इसलिए वो देरी से सोना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देरी से सोना बच्चों के लिए क्यों नुकसानदायक है। इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि मनस्थली की फाउंडर-डायरेक्टर और सीनियर साइकाइट्रिस्ट डॉ ज्योति कपूर से।
बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। अगर बच्चों की नींद अधूरी रह जाती है, तो इससे उनके शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। देर से सोने से बच्चों को नींद न आने या बार-बार उठने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
रात में देरी से सोने से बच्चों का टाइम मैनेजमेंट खराब हो सकता है। इसके कारण बच्चों को हर काम देरी या आलस के साथ करने की आदत हो जाती है। इससे उन्हें स्कूल जाने, हॉबीज पर काम करने और परिवार से समय बिताने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इसके कारण उनमें स्ट्रेस भी बढ़ने लगता है।
बच्चों को फास्ट और एक्टिव रखने के लिए डेली टास्क सही होना भी जरूरी है। लेकिन अगर बच्चे ठीक से नहीं सो पाएंगे, तो उनके शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाएगा। इसके कारण उनके रोज के काम धीमे होते जाएंगे। साथ ही, उन्हें पढाई पर फोकस करने में भी परेशानी होगी।
देर से सोने से बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। अधूरी नींद के कारण बच्चों के शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता है। इसके कारण बच्चों में कमजोरी और थकावट की समस्या हो सकती है। साथ ही, बच्चे कोई भी काम करने में जल्दी एनर्जी खो सकते हैं।
अधूरी नींद के कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसके कारण उन्हें किसी भी काम पर फोकस करने में परेशानी हो सकती है। इसके कारण उनमें चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
अधूरी नींद के कारण बच्चों की ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है। आराम न मिल पाने के कारण बच्चे धीरे-धीरे शारीरिक रूप से कमजोर होने लगते हैं। साथ ही, उनका फोकस भी खराब होने लगता है, जो उनकी ग्रोथ को भी प्रभावित कर सकता है।
अधूरी नींद के कारण बच्चों में बीमारियां बढ़ने का खतरा भी हो सकता है। इसके कारण बच्चों का वजन बढ़ सकता है। साथ ही, उसे कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
इन सभी कारणों से देर से सोना बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही, उनके संपूर्ण विकास पर भी असर पड़ सकता है।