Eye Disease: आजकल आंखों (Eye) की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. कम उम्र में भी आंखों में चश्मा लग जा रहा है. आंखों की रोशनी कम होने की समस्याएं बी (B) हो रही हैं. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जितनी तेजी से लाइफस्टाइल (jeevan shailee) बदल रही है, उससे ऐसा अनुमान है कि साल 2040 तक 300 मिलियन यानी 30 करोड़ से ज्यादा लोग 'एज रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन' (Age Related Macular Degeneration) बीमारी की चपेट में आ जाएंगे. अभी दुनिया में करीब 20 करोड़ लोग इस बीमारी का शिकार हैं. इस बीमारी में उम्र बढ़ने के साथ कम दिखाई देने या आंखों की गंभीर समस्याओं का कारण माना गया है. जानिए आखिर क्या है ये बीमारी...
एज रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन ज्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र वालों में होता है. उनकी आंखों की रोशनी एकदम कम हो जाती है. ऐसा तब होता है जब रेटिना का बीच वाला भाग यानी मैक्युला खराब हो जाता है. चूंकि यह बीमारी उम्र बढ़ने के साथ होती है, इसलिए इसे एज रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन कहते हैं. आमतौर पर इसकी वजह से अंधापन तो नहीं आता लेकिन आंखों से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि एज रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन की समस्या का कोई एक कारण नहीं है. यह उम्र बढ़ने के साथ होता है, अगर माता-पिता या परिवार में किसी को पहले इस तरह की बीमारी रही है तो बच्चों में आ सकती है. अगर समय रहते इसके ल7णों को समझ लिया जाए तो इससे खतरे से कम उम्र में ही बचा जा सकता है.
एक्सपर्ट्स (experts) के मुताबिक, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. सिर्फ लक्षणों को कम करने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं. कम उम्र से कुछ आदतों को अपनाकर भविष्य में आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं. धूम्रपान से पूरी तरह बचें, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कंडीशन को ध्यान में रखें, वजन कंट्रोल में रखें, हर दिन एक्सरसािज करें, आंखों के लिए फायदेमंद चीजें ही खाएं. फल-सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाले फूड्स खाएं. इनसे आंखें हेल्दी रहती हैं.
Disclaimer : खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
साभार : एबीपी न्यूज