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Coronavirus Variants : डेल्टा से ओमिक्रॉन कम घातक, लेकिन फिर भी है खतरा, जानें हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय

स्वास्थ्य Published by: Paliwalwani Updated Wed, 05 Jan 2022 11:42 PM
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नई दिल्ली: देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच देश के कई दिग्गज डॉक्टर्स ने कहा है कि आगे चलकर इस वायरस के और म्यूटेशन देखने को मिल सकते हैं इसलिए कोरोना की तीसरी लहर को हल्के में नहीं लेना चाहिए. दिल्ली में बत्रा हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर सीएसएल गुप्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि, यह एक RNA वायरस है और म्यूटेशन के बाद बदल सकता है. इसकी वजह से ओमिक्रॉन के अलावा और भी नए वेरिएंट सामने आ सकते हैं. जिसके बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है.

डॉ गुप्ता ने कहा कि, हमें कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सावधान रहना है और इसे हल्के में बिल्कुल नहीं लेना है. हालांकि कहा गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पिछले अन्य वेरिएंट्स की तुलना में कम घातक है. लेकिन संक्रमण के मामले में यह अति संक्रामक वेरिएंट है. हाल ही में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि, दिल्ली में आने वाले कोविड-19 के केसों में से 80 फीसदी मामले ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़े हैं.

Corona Virus : डेल्टा Vs ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन वेरिएंट फेफड़ों में ब्रोंकस में तक सीमित रहता है, जबकि डेल्टा वेरिएंट फेफड़ों के टिश्यू को तेजी से नुकसान पहुंचाता है. जिसकी वजह से ऑक्सीजन की जरुरत बढ़ने लगती है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट की वजह से ऐसा ही हुआ. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय सरकार को मुस्तैद रहने की जरुरत है और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो कोविड अनुरुप व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं.

भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़े केसों की संख्या 2135 हो गई है और इनमें से 828 लोग स्वस्थ हो गए हैं. वहीं बुधवार को राजस्थान से ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते पहली मौत का मामला सामने आया है.

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