गुजरात के अहमदाबाद में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक मां ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही तीन साल के बेटे को जहर देकर मार दिया। उसे डर था कि बेटा उसके प्रेम संबंधों में बाधा बन सकता है। मामला तब सामने आया जब हॉस्पिटल ने बच्चे की मौत जहर से होने की बात रिपोर्ट में कही।
नरोदा निवासी 26 वर्षीय ज्योति परमार पालनपुर के मूल निवासी भूपेंद्र परमार के साथ कथित रूप से रिश्ते में थी। भूपेंद्र पालनपुर सिविल अस्पताल के पोस्टमॉर्टम कक्ष में सफाई कर्मचारी का काम करता है।
चूंकि उसका तीन साल का बेटा युवी उनके रिश्ते में बाधा था, इसलिए उन्होंने उसे मारने का फैसला किया। 5 अगस्त को युवी की तबीयत खराब हो गई थी। उसे तेज बुखार था।पुलिस ने बताया कि ज्योति को यह विचार आया कि अगर युवी की बीमारी के दौरान मौत हो जाती है तो किसी को उसके या उसके प्रेमी पर संदेह नहीं होगा। उसने भूपेंद्र से बात की। भूपेंद्र ने ज्योति को बच्चे के साथ सिविल अस्पताल के पास एक गेस्टहाउस में ले आने को कहा।
ज्योति ने अपने ससुर मगभाई को बताया कि वह युवी को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जा रही थी क्योंकि उसे रात में तेज बुखार था। गेस्ट हाउस में ज्योति ने युवी को कीटनाशक मिलाकर दूध दिया और बिस्किट खाने को दिए।
दूध पीने के बाद बच्चा बेहोश हो गया और ज्योति उसके साथ घर लौट आई। ज्योति ने अपने ससुर को बताया कि वह सो रहा है। थोड़ी देर बाद जब मगभाई ने युवी को जगाने की कोशिश की, तो उन्होंने महसूस किया कि लड़के को तेज बुखार है और उन्हें शारदाबेन अस्पताल ले जाया गया। युवी को आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां आठ अगस्त को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
डॉक्टरों ने बच्चे के पिता अजय परमार को बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा था कि बच्चे की मौत जहर खाने से हुई है। इस बीच, व्याकुल परिवार ने युवी के शव को पालनपुर स्थित उनके पैतृक स्थान पर दफना दिया। 9 अगस्त को अजय के बहनोई मुकेश परमार को अस्पताल से एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि युवी की मौत जहर से हुई है। मुकेश ने ज्योति से पूछताछ की, जिसने अपना अपराध कबूल कर लिया।