नई दिल्ली :
भारत सरकार ने बुधवार को 74वें गणतंत्र दिवस (74 Republic Day) की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों (Padma Awards 2023) का ऐलान कर दिया है. इस साल 106 हस्तियों के लिए इस पुरस्कार की घोषणा की गई है जिसमें 6 लोगों को पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 लोगों को पद्मश्री दिए जाएंगे. इस बार 19 महिलाओं को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.
ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के जनक दिलीप महालनाबिस (Dilip Mahalnabis) को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, पश्चिम बंगाल के 87 वर्षीय डॉक्टर महालनाबिस ने ओआरएस के व्यापक इस्तेमाल का बीड़ा उठाया, ऐसा अनुमान है कि इसने वैश्विक स्तर पर 5 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई है. महालनाबिस का पिछले अक्टूबर में कोलकाता में निधन हो गया था.
दिलीप महालनाबिस के अलावा मुलायम सिंह यादव और बालकृष्ण दोशी को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. वहीं तबला वादक जाकिर हुसैन, एसएम कृष्णा और श्रीनिवास वर्धन को पद्म विभूषण दिया जाएगा. वहीं, एसएल भयरप्पा, कुमार मंगलम बिड़ला, दीपक धर, वाणी जयराम, स्वामी चिन्ना जीयर, सुमन कल्याणपुर, कपिल कपूर, सुधा मूर्ति और कमलेश डी पटेल के पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा.
डॉ सुकामा आचार्य, जोधैयाबाई बैगा, प्रेमजित बैरिया, ऊषा बरले, मुनीश्वर चंद डावर, हेमंत चौहान, भानुभाई चितारा, हेमोपोवा चुतिया, नरेंद्र चंद्र देबबर्मा (मरणोपरांत), सुभद्रा देवी, खादर वल्ली दुदेकुला, हेम चंद्र गोस्वामी, प्रीतिकाना गोस्वामी, राधा चरण गुप्ता को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
मोदाडुगु विजय गुप्ता, अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन, दिलशाद हुसैन, भीखू रामजी इदाते, सीआई इसाक, रत्तन सिंह जग्गी, बिक्रम बहादुर जमातिया, रामकुईवांग्बे जेने, राकेश राधेश्याम झुनझुनवाला, रतन चंद्र कर, महिपत कवि, अरीज खमबत्ता, परशुराम कोमाजी खुने, गणेश नागप्पा कृष्णराजानागरा, मगुनी चरण कुमार, आनंद कुमार, अरविंद कुमार. दोमर सिंह कुंवर, राइसिंगबोर कुरकलंग, हीराबाई लोबी, मूलचंद लोढ़ा, रानी मछैया, अजय कुमार मांडवी, प्रभाकर भानुदास मांडे, गजानन जगन्नाथ माने को पद्म श्री सम्मान देने का ऐलान किया गया है.
पद्म पुरस्कार – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं. 1954 से ये पुरस्कार, हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाते हैं. कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र के कई गुमनाम नायकों को यह सम्मान दिए जाते हैं.