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ऐसे फैसले पर मैं तो डिप्रेशन के कारण 1 महीने सदन में ही न आता : गृह मंत्री अमित शाह

दिल्ली Published by: paliwalwani Updated Mon, 11 Dec 2023 08:56 PM
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नई दिल्ली :

आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान विपक्ष के कई सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना कि धारा 370 अस्थायी था. उन्होंने कहा, अगर अनुच्छेद 370 इतना ही जरूरी था तो इसके सामने अस्थायी पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने क्यों किया होगा. 

फैसले को लंबित करने के लिए था

शाह ने कहा परसों भी कई सवाल उठाए गए. लोकसभा में कहा गया कि ये बिल अभी लंबित है और जल्दबाजी में लाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा और हमें इसका इंतजार करना चाहिए. ये सभी न्याय के लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो निर्णय किया था, उस निर्णय को लंबित करने के लिए थे.

राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन की घोषणाओं को चुनौती देना ठीक नहीं

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन की घोषणाओं को चुनौती देना ठीक नहीं है. जब अस्थायी प्रावधान किया गया तो सवाल उठा कि अगर यह अस्थायी है तो इसे हटाया कैसे जाएगा? इसलिए अनुच्छेद 373 के अंदर यह प्रावधान डाला गया कि राष्ट्रपति धारा 370 में संशोधन कर सकते हैं, उस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं और उसे संविधान से पूरी तरह बाहर भी कर सकते हैं.'

मैं तो सदन में नहीं आ पाता

अमित शाह ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव करवाने के लिए कहा है, मैंने खुद कहा है कि हम चुनाव करवाएंगे. कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिले, हमने भी कहा कि सही वक्त आने पर वापस करेंगे. अब मुझे बताएं ये कहां से विपक्ष की विजय हुई. इतनी घोर पराजय के बाद इसमें विजय ढूंढना, ये विपक्ष की बहुत बड़ी कला है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मैं तो एक महीने तक सदन में नहीं आ पाता.

अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला

गृह मंत्री ने कहा, 'आज (अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का) फैसला भी आ गया है. फिर भी, वे (कांग्रेस) कहते हैं कि वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं और वे मानते हैं कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया. मैं उन्हें यह नहीं समझा सकता कि वास्तविकता क्या है. अनुच्छेद 370 ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया और अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला. एक गलत फैसला हो सकता है लेकिन जब इतिहास और समय यह साबित कर दे कि वह फैसला गलत है तो राष्ट्रहित की ओर लौटना चाहिए. मैं अब भी कहता हूं, वापस आ जाओ नहीं तो अब कितने (सदन के लिए चुने गए सांसद) बचे हैं, वह भी नहीं रहेंगे. अगर आप आज भी इस फैसले पर कायम रहना चाहते हैं तो जनता देख रही है- 2024 में मुकाबला होगा और पीएम मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे.

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