नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मंगलवार को घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) के दामों में 200 रुपए की कटौती की है। इसके साथ ही दिल्ली में अब कीमत 1103 रुपए से घटकर 903 रुपए, भोपाल में 908, जयपुर में 906 रुपए हो गई। नई कीमत 30 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन से लागू होगी।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ओनम और रक्षाबंधन के त्योहार पर दाम घटाकर पीएम मोदी ने बहनों को बड़ा तोहफा दिया है। देश के 33 करोड़ कंज्यूमर्स को इसका फायदा मिलेगा। इस फैसले से सरकार पर वित्त वर्ष 2023-24 में 7,680 करोड़ का बोझ आएगा। केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार 75 लाख नए उज्जवला कनेक्शन बांटेगी।
इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सरकार का यह कदम काफी मायने रखता है। राजस्थान में कांग्रेस ने इसी साल 1 अप्रैल से BPL परिवारों को 500 रुपए में गैस देने की योजना लागू कर दी है। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। दोनों राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव हैं।
14.2 किलोग्राम वाले घरेलू LPG सिलेंडर के दाम मार्च 2023 में 50 रुपए बढ़ाए गए थे। इसके बाद दिल्ली में इसकी कीमत 1103 रुपए हो गई थी। इससे पहले 6 जुलाई 2022 को दामों में बदलाव किया गया था। तब भी कीमतें 50 रुपए बढ़ाई गई थी।
जून 2020 से LPG सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं मिल रही है। दिल्ली में जून 2020 में बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 593 रुपए में मिलता था, जो अब 903 रुपए का हो गया है। अब केवल उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपए की सब्सिडी मिलती है। उज्जवला के लाभार्थियों को अब सिलेंडर करीब 700 रुपए में मिलेगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- पिछले दो महीनों में अब तक I.N.D.I.A गठबंधन ने केवल दो बैठकें की हैं। आज हम देख रहे हैं कि LPG की कीमतें 200 रुपए तक कम हो गई हैं। ये INDIA गठबंधन के कारण हुआ है।
आवेदक महिला होनी चाहिए।
महिला की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
महिला BPL परिवार से होनी चाहिए।
महिला के पास BPL कार्ड तथा राशन कार्ड होना चाहिए।
आवेदक के परिवार के किसी सदस्य के नाम पर LPG कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
उज्जवला योजना के तहत अब तक देश में 9.5 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस स्कीम को 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्च किया गया था। सरकार ने इस योजना की सब्सिडी पर वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 6,100 करोड़ रुपए खर्च किए थे। योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होती है।