केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीएसएनएल के कर्मचारियों के सख्त लहज़े में ‘करो या मरो’ की चेतावनी दे डाली है. BSNL के कम से कम 62,000 कर्मचारियों को वैष्णव ने ‘सरकारी’ रवैया छोड़कर ठीक से काम करने की सख्त हिदायत दी है. इतना ही नहीं, दूरसंचार मंत्री ने ऐसा ना करने पर कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की बात भी कह डाली है. अश्विनी वैष्णव ने कर्मचारियों से दो टूक कहा है कि अच्छे से काम करें या फिर रिटायरमेंट ले लें.
दरअसल, दूरसंचार मंत्री ने बीएसएनएल की डामाडोल स्थिति को सुधारने के लिए गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों की एक मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग से जुड़ा एक ऑडियों लीक हो गया है, जिसमें मंत्री बीएसएनएल के कर्मचारियों को सख्त लहज़े में खरी-खरी सुना रहे हैं. मालूम हो कि वैष्णव ने इसी हफ्ते चरमराई कंपनी बीएसएनएल को पटरी पर लाने के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपए के रिलीफ पैकेज की घोषणा की थी.
पांच मिनट की क्लिप में मंत्री ने कहा, ‘मैं हर महीने परफॉर्मेंस की जांच करूंगा. जो लोग काम नहीं करना चाहते, वो अपनी मर्जी से रिटायरमेंट ले सकते हैं और घर जा सकते हैं. और अगर ऐसा नहीं होता, तो ऐसे कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाएगा, जैसा कि भारतीय रेलवे में किया गया था.’ बीएसएनएल को फाइनेंशियली मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 27 जुलाई को 1.64 लाख करोड़ रूपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी.
वैष्णव ने आगे कहा हमने वही किया है, जो हम करने वाले थे. अब आपको अच्छा परफॉर्म करने की जरूरत है. यह अब से न्यू नॉर्मल बनने जा रहा है. अच्छा प्रदर्शन करें या रिटायरमेंट ले लें. इस कॉम्पिटेटिव इंडस्ट्री में सिर्फ आपकी परफॉर्मेंस ही आपकी नौकरी बचा सकती है. मैं अगले 24 महीनों में रिजल्ट देखना चाहता हूं. मैं हर महीने सभी कर्मचारियों के परफॉर्मेंस की मंथली रिपोर्ट देखूंगा.
मंत्री ने कहा, ‘जिस तरह से रिवाइवल (पुनरुद्धार) पैकेज बनाया गया है, दुनिया की कोई और सरकार इतना बड़ा रिस्क नहीं उठा सकती, जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया है. ये कोई छोटा-मोटा अलॉटमेंट नहीं था.’ बता दें कि कैबिनेट ने भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (ठठछस्) को बीएसएनएल में मर्ज करने के प्रपोज़ल को भी मंजूरी दी है.