दिल्ली : राजधानी दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,162 नए मामले सामने आए और संक्रमण की दर 12.64 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि पांच और लोगों की मौत इस बीमारी से हुई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, यह लगातार बारहवां दिन है, जब दिल्ली में कोरोना संक्रमण के दो हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, रविवार को दर्ज किए गए ताजा मामले कोविड के 17,106 टेस्ट में से सामने आए। ताजा संक्रमण और मृत्यु के साथ, दिल्ली में अब तक कुल 19,84,595 मामले सामने आए हैं और मरने वालों की संख्या 26,381 हो गई है। बुलेटिन में कहा गया है कि दिल्ली में फिलहाल 8,430 सक्रिय केस हैं, जिनमें से 5,734 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इसके अलावा यहां 326 कंटेनमेंट जोन हैं।
पिछले एक हफ्ते में दिल्ली में COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि हालांकि मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनमें से ज्यादातर प्रकृति में हल्के थे।
पॉजिटिविटी रेट बढ़ने के बावजूद दिल्ली सरकार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा तैयार किए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को लागू नहीं कर रही है क्योंकि अस्पताल में भर्ती दर कम है।
दिल्ली में हाल ही में कोरोना के मामलों में वृद्धि ने कारोबारियों के मन में अपने व्यवसाय को लेकर चिंता पैदा कर दी है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से अभी उबरना बाकी है। इस डर से कि कोरोना के मामलों में और वृद्धि अधिकारियों को प्रतिबंध लगाने के लिए प्रेरित कर सकती है, व्यापारियों ने दिल्ली सरकार से सावधानी से कदम उठाने का आग्रह किया है ताकि व्यवसायों को नुकसान न हो।
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने कहा ने कहा कि बढ़ते मामलों का असर त्योहारों के बाद दिखाई देगा। बाजार में अनिश्चितता है और व्यापारी बड़े ऑर्डर नहीं ले रहे हैं। हम कोविड की लहरों से थक गए हैं। हर बार हमें लगता है कि चीजें सामान्य हो रही हैं, कुछ न कुछ हो जाता है।
सरोजिनी नगर बाजार के व्यापारियों का कहना है कि सख्त पाबंदी से भी बिक्री में 50 फीसदी की कमी आती है। बढ़ते मामलों का असर दिखना शुरू हो गया है। थोक विक्रेताओं ने एडवांस पेमेंट मांगना शुरू कर दिया है क्योंकि वे चिंतित हैं कि अगर लॉकडाउन लगाया जाता है तो उनकी पेमेंट अटक सकती है।