नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, मैं रिटायरमेंट के बाद कोई भी शासकीय लाभ का पद स्वीकार नहीं करूंगा. रिटायरमेंट के बाद अपना अधिकतर समय दारापुर, अमरावती और नागपुर में ही बिताना पसंद करूंगा.
मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद बीआर गवई पहली बार अपने पैतृक गांव दारापुर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने अपने पिता की 10वीं पुण्यतिथि पर उनके स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. गांव पहुंचते ही उन्होंने अपने बचपन के घर का दौरा किया और पुरानी यादों को ताजा किया.
गांव में उनके आगमन पर लोगों में उत्साह का माहौल था. बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश का स्वागत किया. गवई ने इस दौरान गांव की मिट्टी और अपने बचपन से जुड़ी बातों को भावुक होकर साझा किया. इसी दौरान उन्होंने कहा, मैंने फैसला लिया है कि रिटायरमेंट के बाद मैं कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा.
रिटायरमेंट के बाद मुझे अधिक समय मिलेगा. इसलिए मैं दारापुर, अमरावती और नागपुर में अधिक समय बिताने की कोशिश करूंगा.
बता दें कि इससे पहले जस्टिस गवई ने रिटायर होने के बाद पॉलिटिक्स में एंट्री लेने से भी इनकार किया था। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था, ”CJI के पद पर रहने के बाद व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।
रिटायरमेंट के बाद जज सरकारी पद स्वीकार करते हैं या चुनाव लड़ते हैं तो इससे गलत संदेश जाता है। लोगों का न्यायपालिका पर से भरोसा उठ सकता है। साथ ही सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर उन्होंने कहा था, ”मैं सोशल मीडिया को फॉलो नहीं करता हूं, लेकिन मेरा भी यही मानना है कि जस्टिस अपने घरों में बैठकर फैसले नहीं सुना सकते। हमें आम आदमी के मुद्दों को समझना होगा।
जस्टिस गवई इस वर्ष नवंबर में रिटायर होंगे। इससे पहले दिन में गांव में पहुंचने पर लोगों की भारी भीड़ ने प्रधान न्यायाधीश का स्वागत किया। उन्होंने अपने पिता, केरल और बिहार के पूर्व राज्यपाल आर एस गवई के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और परिवार के कुछ सदस्यों के साथ उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। गवई ने दारापुर के रास्ते पर बनने वाले एक भव्य द्वार की आधारशिला भी रखी, जिसका नाम आर.एस. गवई के नाम पर रखा जाएगा।