नई दिल्ली. काँग्रेस नेता राहुल गांधी को झटके लगने का सिलसिला जारी है। पहले मानहानि मुकदमे में दो साल की सज़ा और फिर सांसदी रद्द होना। राहुल को दो दिन में ही दो झटके लग गए थे। पर अब आज राहुल को एक और झटका लगा है।
काँग्रेस नेता और पूर्व काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 2019 में अपने चुनावी प्रचार के दौरान मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी देना भारी पड़ेगा, यह उन्होंने सोचा नहीं होगा। 23 मार्च को राहुल को इस मामले में सूरत की एक कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो साल की जेल की सज़ा सुनाई। राहुल को इस झटके की उम्मीद भी नहीं होगी। हालांकि जमानत मिलने से राहुल को जेल जाने से तो राहत मिल गई, पर इसके बाद उन्हें दूसरा झटका लगा।
मानहानि के मामले में सज़ा मिलने की वजह से 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की वायनाड से सांसदी को रद्द कर दिया, जिससे अगले 8 साल तक राहुल पर चुनाव लड़ने से भी रोक लगेगी। पर राहुल को लगने वाले झटकों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। आज राहुल को एक और झटका लग गया है।
राहुल को तीसरा झटका आज यानी कि 27 मार्च को लगा। सांसद होने के नाते राहुल को सरकार की तरफ से बंगला भी मिला था। राहुल का यह सरकारी बंगला देश की राजधानी दिल्ली में 12, तुगलक रोड पर स्थित है। पर अब जब राहुल की सांसदी चली गई है, तो उनका इस बंगले पर भी हक नहीं बनता। इसी वजह से लोक सभा हाउसिंग कमेटी ने आज राहुल को इस बंगले को खाली करने का नोटिस दे दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार लोक सभा हाउसिंग कमेटी ने राहुल को दिए नोटिस में सांसदी रद्द होने से 30 दिन तक का समय दिया है। ऐसे में राहुल को 22 अप्रैल तक 12, तुगलक रोड पर स्थित सरकारी बंगले को खाली करना है।