नेपाल में होली भारत की तुलना में थोड़ी अलग तरह से मनाई जाती है। त्योहार शुरू होने से पहले, उनका एक विशेष समारोह होता है जहां कई हिस्सों में चिर (छाया सामग्री) से बंधी बांस की छड़ी को खड़ा करना शामिल है।
नेपाल में गुलाल के साथ-साथ हल्दी से भी खेली जाती है होली, 3 दिन पहले से ही शुरू होता है सेलिब्रेशन नेपाल में होली की तरह लोला फेस्टिवल सेलिब्रेट किया जाता है। लोला का मतलब है गुब्बारे यहां रंगों से भरे गुब्बारों को एक-दूसरे पर फेंकने का रिवाज है। इतना ही नहीं, यहां लोगों को रंगों में डुबोने के लिए बड़े टब की व्यवस्था की जाती है। लेकिन इस फेस्टिवल में गुब्बारों का विशेष महत्व होता है।
काठमांडू में होली मैं रंग के साथ साथ मैं पानी का भी बहुत प्रयोग होता है। नेपाल के हिमाल और पहाड़ी इलाके में मुख्य होली भारत से एक दिन पहले मनाई जाती है। परंतु तराई में होली भारत की होली के दिन ही मनाई जाती है। तराई की होली का रूप बिहार की फगुआ से मिलता जुलता है। होली एक हिन्दू त्यौहार है परन्तु नेपाल में हिन्दू और बौद्ध धर्मावलम्बी (प्रायः नेवार जाति) दोनों ही इस त्यौहार को हर्षोल्हास से मनाते है।
होली के विशेष त्यौहार मे काठमांडू के प्रसिद्ध फोटोग्राफर कोर्टसी शम्भू राजबंशी के वैडिंग स्टार प्रोडक्शन के अंतर्गत होली का शूट किया गया। जिसमे नेपाल फ़िल्म इंडस्ट्री के एक्टर अभिषेक ओर टॉप प्रसिद्ध मॉडल्स संजीव शेष्टा, अनीता, एवं ससवने यूह (सासरोनीता) उपस्थित रहे,उसमे मेकअप आर्टिस्ट के रुप मे भारतीय मूल के रविंद्र कुमार ने अपना कलात्मक कला का शानदार प्रदर्शन किया।
जिसमे कड़ी मेहनत और बेहतरीन प्रदर्शन से टीम में अपनी होली के रंग बिरंगे त्यौहार को परम्परागत रुप मे इस समारोह को विषय रुप मॅ बनना एवं इनका लक्ष्य कल्चर एवं होली के स्वरूप को फोटो शूट कर रंगों का महत्व भी बतलाया है।
लेखक : रविंद्र आर्य
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