भोपाल : मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय की ओर से पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक कक्षा में प्रवेश को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक कक्षा मे प्रवेश हेतु आयु निर्धारण के संबंध में आदेश हुआ जारी. अब कोई भी अविभावक अपने बच्चों को निर्धारित आयु से पहले नर्सरी, केजी एवं कक्षा 1 में प्रवेश नहीं दिला सकेगा. अभी तक देखा जाता था कि अविभावक 2 से 2.5 वर्ष के बच्चे को स्कूल में दाखिला दिलवा देते हैं. इस आदेश से आप ऐसा करना संभव नहीं होगा.
पहले से निर्धारित आयु में मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में संशोधन किया गया है. इस संशोधन के अनुसार अब नर्सरी, केजी एवं कक्षा 1 में इस आयु से पहले प्रवेश नहीं मिल सकेगा.
● नर्सरी- न्यूनतम आयु 3 वर्ष एवं अधिकतम आयु 4 वर्ष 6 माह
● KG 1- न्यूनतम आयु 4 वर्ष एवं अधिकतम आयु 5 वर्ष 6 माह
● KG 2- न्यूनतम आयु 5 वर्ष एवं अधिकतम आयु 6 वर्ष 6 माह
● कक्षा 1- न्यूनतम आयु 6 वर्ष एवं अधिकतम आयु 7 वर्ष 6 माह
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, क्लास 1 में एडमिशन के लिए उम्र सीमा को लेकर नए नियम जारी किए गए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश भी भेज दिया है. राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित राज्यों को भी निर्देश दिए गए हैं. एनईपी 2020 की 5+3+3+4 स्कूल प्रणाली के मुताबिक, इस निर्णय को लिया गया है. आइये जानते हैं कि, नए नियम के मुताबिक, क्लास 1 में एडमिशन के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए.
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत, शिक्षा मंत्रालय ने 15 फरवरी 2024 को जारी किए गए नोटिस में कहा था कि नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 एडमिशन प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होनी वाली है. इसलिए एडमिशन को लेकर निर्देश जारी किया गया है. नई शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक, नए नियम के तहत क्लास 1 में एडमिशन के लिए बच्चों की उम्र कम से कम 6 साल होनी चाहिए. जिसको लेकर पहले भी निर्देश जारी किया जा चुका है. इस साल सेशन 2024-25 के लिए फिर से निर्देश जारी कर, राज्यों को सुचित किया जा रहा है कि जारी निर्देशों का पालन किया जाए. उम्र सीमा के तहत, नई एडमिशन प्रक्रिया शुरू की जाए.
क्लास 1 में एडमिशन के लिए साल 2022 में केंद्र सराकार ने एक लोकसभा सत्र में बयान जारी किया था. जिसके तहत, देश के कुल 14 राज्य में बच्चों की उम्र 6 साल नहीं होने पर भी क्लास 1 में एडमिशन दिया सकता है. इन राज्यों के नाम इस तरह है. असम, गुजरात, पुडुचेरी, तेलंगाना, लद्दाख, आध्रप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा, झारखंड, कर्नाटक और केरल शामिल है. इसके अलावा सभी स्कूल के प्रिंसिपल्स को भी कुछ अधिकार दिया गया है. जिसके तहत, वे उम्र सीमा में छूट दे सकते हैं. इस नियम को इसलिए लाया गया है ताकि, बच्चों पर कम उम्र में शिक्षा को लेकर किसी भी तरह का मानसिक दबाव न बनें.
अगर कोई अविभावक तय समय से पहले अपने बच्चे को दाखिला दिलाता है तो ऐसी स्थिति में उन पर कार्यवाही की जा सकती है. इसके साथ ही जो स्कूल निर्धारित उम्र से पहले बच्चों को प्रवेश देगा उन्हें भी कानूनी कार्यवाही से निपटना होगा. इसलिए अविभावक और स्कूल दोनों ही इस आदेश का पालन करें, जिससे वे किसी भी प्रकार की समस्या से बच सकें.