धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है। इसके जरिए भक्त भगवान के प्रति अपनी भक्ति और आस्था व्यक्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन और सही विधि से पूजा करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से जुड़े कई नियम बताए गए हैं।
मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से घर का वास्तु ठीक रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन कुछ बातों को लेकर लोगों में भ्रम भी बना रहता है। इनमें से एक भगवान को अर्पित किए गए फूलों को लेकर है। दरअसल, अक्सर लोग इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं कि आखिर देवी-देवताओं को चढ़ाए गए फूलों को मंदिर से कब हटाना चाहिए? ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में...
पूजा-पाठ के दौरान लोग देवी-देवताओं को फूल जरूर अर्पित करते हैं। लेकिन कई बार भक्त इन फूलों को हटाना भूल जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में चढ़ाए गए फूलों को तुरंत नहीं, लेकिन दिन ढलने से पहले हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, सूखे हुए फूलों को मंदिर में रखना शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।
साथ ही, इससे घर का माहौल तनावपूर्ण बन जाता है और घर के लोगों में चिड़चिड़ापन या गुस्सा बढ़ सकता है। इसलिए पूजा घर में चढ़ाए गए फूलों को समय रहते हटाना देना चाहिए।
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