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भगवान को चढ़ाए हुए फूलों को घर के मंदिर से कब हटाना चाहिए? जान लें सही समय

ज्योतिषी Published by: paliwalwani Updated Mon, 18 Aug 2025 11:21 AM
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धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है। इसके जरिए भक्त भगवान के प्रति अपनी भक्ति और आस्था व्यक्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन और सही विधि से पूजा करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से जुड़े कई नियम बताए गए हैं।

मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से घर का वास्तु ठीक रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन कुछ बातों को लेकर लोगों में भ्रम भी बना रहता है। इनमें से एक भगवान को अर्पित किए गए फूलों को लेकर है। दरअसल, अक्सर लोग इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं कि आखिर देवी-देवताओं को चढ़ाए गए फूलों को मंदिर से कब हटाना चाहिए? ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में...

भगवान को चढ़ाए हुए फूलों को घर के मंदिर से कब हटाना चाहिए?

पूजा-पाठ के दौरान लोग देवी-देवताओं को फूल जरूर अर्पित करते हैं। लेकिन कई बार भक्त इन फूलों को हटाना भूल जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में चढ़ाए गए फूलों को तुरंत नहीं, लेकिन दिन ढलने से पहले हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, सूखे हुए फूलों को मंदिर में रखना शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।

साथ ही, इससे घर का माहौल तनावपूर्ण बन जाता है और घर के लोगों में चिड़चिड़ापन या गुस्सा बढ़ सकता है। इसलिए पूजा घर में चढ़ाए गए फूलों को समय रहते हटाना देना चाहिए।

  • ध्यान रखें ये बातें : यदि आप घर के पौधों से फूल तोड़कर भगवान को अर्पित करते हैं, तो सबसे पहले आपको स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद फूलों को पानी से धो लें। वास्तु के अनुसार, धोए हुए फूलों को हमेशा डंठल की ओर से पकड़कर ही भगवान को चढ़ाना चाहिए।

● Disclaimer :इस लेख में दी गई ज्योतिष जानकारियां और सूचनाएं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं. इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं. पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. पालीवाल वाणी इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें तथा चिकित्सा अथवा अन्य नीजि संबंधित जानकारी के लिए अपने नीजि डॉक्टरों से परार्मश जरूर लीजिए. पालीवाल वाणी तथा पालीवाल वाणी मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है.

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