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मई-जून 2024 में नहीं है मुहूर्त योग : महर्षि बाबू लाल शास्त्री

ज्योतिषी Published by: paliwalwani Updated Tue, 30 Apr 2024 08:52 PM
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टोक. हर साल मई एव जून 2024 में शादियों विवाहों के भरपूर मुहूर्त होते हैं, लेकिन इस बार गुरु व शुक्र तारा अस्त होने से मई और जून में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं है. इसके बाद चातुर्मास के कारण चार माह कोई विवाह मुहूर्त नहीं होगा.  

इस अवधि में अक्षयतृतीयाआखातीज 10 मई 2024 जानकी नवमी 16 मई पीपल पूर्णिमा 23 मई, गगा दशमी 16 जुन निर्जला एकादशी 18 जुन एवं भडल्यानवमी 15 जुलाई तक बाद मे 12 नवम्बर से देवउठनी एकादशी पर सावों का अबूझ मुहूर्त होने से शादियां हो सकेंगी.

इस वर्ष वैशाख कृष्णा पंचमी 29 अप्रेल को रात्रि 23.14 बजे से पूर्व दिशा में अस्त होकर आषाढ़ कृष्णा सप्तमी शुक्रवार 28 जून को 17.05 बजे पश्चिम मे शुक्र का उदय  होगा. इस अवधि मे वैशाख कृष्णा तैरस 6 मई से गुरू अस्त होकर ज्येष्ठ  कृष्ण द्वादशी 03 जून को गुरुउदय होगा.   

मनु ज्योतिष एवं वास्तू शोध सस्थान टोक के निदेशक महर्षि बाबू लाल शास्त्री ने बताया कि सूर्यदेव मेष राशि में उच्च के होकर भ्रमण कर रहे है.  मेष राशि स्वामी मगल है, सूर्य से गुरु  व शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी.

उक्तकाल में तथा गुरू व शुक्र अस्त उदय तीन दिन पूर्व व बाद के समय वृद्धत्व व बाल्यकाल दोष युक्त होने से कोई भी शूभ कार्य नहीं करने चाहिए. करीब 24 साल बाद ऐसा योग बना है. जब मई एवं जून में गुरू, शुक्र के अस्त होने से विवाह नहीं होंगे.

देवउठनी पर मुहूर्त :-

देव शयनी एकादशी अर्थात आषाढ़ शुक्ला एकादशी 17 जुलाई 2024 से देव उठनी एकादशी अर्थात कार्तिक शुक्ला एकादशी 12 नवंबर 2024 तक चार माह देव-शयन काल होने से विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी, 

विवाह के कारक ग्रह :-

ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुंडली मिलान, गुण दोष मिलान किया जाता है. इसके अलावा गुरु एवं शुक्र को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है. यदि आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदितमान हो, तभी विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं. यदि ये ग्रह अस्त हो तो विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होता. दोनों ग्रह के अस्त होने से मई-जून 2024 में विवाह के फेरे नहीं लिए जा सकेंगे.

इस अवधि में यह हैं अबूझ सावे :-

10 मई को अक्षय तृतीया, 16 मई को जानकी नवमी, 23 मई को पीपल पूर्णिमा, 16 जून को गंगा दशमी, 18 जून को निर्जला एकादशी, 15 जुलाई को भडल्या नवमी में इन अबूझ सावों में कोई दोष नही है. 

महर्षि बाबू लाल शास्त्री टोंक राजस्थान 8233129502

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