भगवान श्री सूर्यनारायण इस वर्ष 14 जनवरी शनिवार, पौष कृष्ण सप्तमी रात्रि 7,23 उपरांत अष्टमी को रात्रि 8:43 बजे मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए संक्रांति का पुण्यकाल दान 15 जनवरी रविवार के दिन सूर्योदय समय सुबह 7,21 बजे से शुभ माना गया है।
मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने पालीवाल वाणी को बताया कि इस वर्ष संक्रांति का वाहन बाघ है, उपवाहन घोड़ा है, पीले वस्त्र पहने हुए हैं, सर्प जाति की हैं, हाथों में गदा धारण किये हुए हैं,भाल में केसर का तिलक लगाया है, सुवासित रहनें के लिए हाथों में जूही का पुष्प लियें हुए हैं, अलंकार में मोती के आभूषण धारण किये हुए हैं, दूधपाक का भक्षण कर रहीं हैं, उनका वार नाम राक्षसी और नक्षत्र नाम मंदाकिनी हैं, दक्षिण दिशा से आ रही हैं और उत्तर दिशा की ओर जा रही है, उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर हैं एवं उनकी दृष्टि इशान कोण में हैं, जिससे भारत देश के दक्षिण दिशा एवं इशान कोण में रहनें वाले लोगों को सुख की प्राप्ति होंगी, 30 मुहूर्त होने से इस वर्ष बारिश भी मध्यम मात्रा में होंगी।
सभी धान्य पदार्थों गेहूं जौ चना ज्वार बाजरा मक्का आदि में ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा मिर्ची हल्दी, सुवर्ण, पीले वस्त्र, चने की दाल आदि वस्तुएं महंगी होंगी, दूध और दूध से बननेवाली चीज़ वस्तुएं-चांदी वगैरह महंगी होगी,
महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि,14 जनवरी शनिवार को सायं 6,13बजे चन्द्र देव चित्रा नक्षत्र कन्या राशि में प्रवेश कर रहें हैं नक्षत्र स्वामी मंगल राशि स्वामी बुध है,इस अवधि में सुर्य देव रात्रि 8,43बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे,इस के प्रभाव से वृष कन्या वृश्चिक राशि वालों को सोने के पाये शुभ फल दायक,मेष सिंह मकर राशि वालों को चांदी के पाये विशेष शुभ फलदायक कर्क धनु मीन राशि वालों को तांबे के पाये मध्यम फल दायक एवं मिथुन तुला कुंभ राशि वालों को न्युनतम फल दायक होगी,
संक्रांति के दिन दोष निवारण हेतु सफेद तिल के तेल को अपने शरीर पर लगाकर एवं तिल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए, तिल मिश्रित जल पीने के लिए भी उपयोग करें , संक्रान्ति पुण्य काल में, तिल - गुड-हरे चने-गन्ना-तांबे के बर्तन-नयें पीले वस्त्रों-सुवर्ण -सप्त धान्य-भूमि का दान-गौ दान करें,गाय को हरा चारा खिलाये,तिल और गाय के दूध में पके हुए चावल के साथ गाय का घी मिलाकर भगवान सूर्य देव का हवन करें ।भगवान सूर्यनारायण को इस दिन जल मिश्रित दूध का अर्घ्य प्रदान करें।