मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में बुध की यह स्थिति मेष राशि के जातकों के स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव डाल सकती है। इससे आपको स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर आपके दुश्मन भी इस दौरान आपको लगातार नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। किसी पर जल्द भरोसा न करें। वहीं आपको अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए भी अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों, जो अपनी नौकरी में किसी तरह के बदलाव की सोच रहे हैं उनके लिए बुध शुभ अवसर देकर अनुकूल परिणाम दे सकता है।
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। अब वर्तमान में बुध ग्रह आपके तीसरे भाव में ही वक्री होंगे। ऐसे में बुध की यह स्थिति आपके संचार और आपके जीवन को सामान्य रूप से प्रभावित कर सकती है। कन्या राशि में बुध वक्री होने के कारण किसी से बात करते समय आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी अन्यथा आपकी बातों के सामने वाले व्यक्ति को गलत अर्थ मिल सकता है। कार्यस्थल पर अधिक सावधानियां बरतनी होगी अन्यथा परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर समस्याएं हो सकती है।
सिंह राशि के जातकों के दूसरे और एकादश भाव के स्वामी बुध होते हैं। ज्योतिष के अनुसार सिंह राशि के जातकों के लिए बुध योगकारक ग्रह भी हैं। ऐसे में मिले-जुले परिणाम मिलने की संभावना रहेगी, क्योंकि इस दौरान आपके पारिवारिक जीवन में सबसे ज्यादा अशांति पैदा हो सकती है। विवाद भी पैदा हो सकता है। निवेश आदि बहुत करने से पहले बहुत सोच-समझकर ही पैसा लगाए, आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। हालांकि इस दौरान संपत्ति आदि में निवेश करना लाभकारी हो सकता है।