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घर की 5 जगहों पर भूलकर भी न बनाएं पूजा मंदिर, हो सकता है बड़ा नुकसान

ज्योतिषी Published by: Paliwalwani Updated Tue, 07 Mar 2023 10:01 AM
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वास्तु के अनुसार घर के पूजाघर या मंदिर की दिशा से तय होती है घर की दशा। आओ जानते हैं पूजा घर बनाने या रखने के खास नियम। यदि आप इन नियमों को नहीं मानते हैं तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पूजा स्थल की दिशा :-

वास्तु के अनुसार ईशान में पूजा स्थल, पूर्व व आग्नेय में रसोई घर, पश्चिम में भोजन कक्ष, वायव्य में भंडार गृह अथवा स्टोर, दक्षिण और नैऋत्य के मध्य शौचालय, नैऋत्य में विश्राम गृह, दक्षिण में शयन-कक्ष, पूर्व एवं ईशान के मध्य स्वागत एवं सार्वजनिक कक्षों का निर्माण करना चाहिए। इसके विपरीत दिशा का चयन करने बड़ा नुकसान हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजन-भजन-कीर्तन सदैव ईशान कोण में होना चाहिए।

इन 5 जगहों पर भूलकर भी न रखें पूजा मंदिर :-

1. सीढ़ियों के नीचे :- सीढ़ियां राहु का स्थान होता है। इसके नीचे मंदिर को रखने से घर में कई तरह की परेशानी खड़ी हो सकती है। मानसिक तनाव और धन की हानि होगी। 

2. शौचलय या स्नाघर के पास :- टॉयलेट या बाथरूम के पास, बगल में, उपर या नीचे पूजाघर नहीं बनाना चाहिए। यह स्थान भी राहु और शनि के स्थान है। वास्तु के अनुसार इससे जीवन में कई तरह के कष्ट झेलना पड़ सकते हैं। 

3. बेसमेंट या तलघर में :- कई घरों में तलघर होता है या कार पार्क करने का स्थान होता है जहां पर शनि और राहु का प्रभाव रहता है। यहां पूजाघर बनाना अच्‍छा नहीं है।

4. शयनकक्ष में :- शयनकक्ष अर्थात बेडरूम में पूजाघर या मंदिर नहीं बना सकते हैं, क्योंकि यह हमारे सोने का स्थान होता है। यदि मजबूरी हो तो ऐसा मंदिर बनाएं जिसके चारों ओर परदे लगाकर उसे ढक दिया जाए।

5. आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में :- दक्षिण और उसके आसपास की दिशा में भी मंदिर नहीं बनाना चाहिए क्योंकि ये दिशाएं यम की होती है। यहां मंदिर बनाने से घर में अचानक घटना और दुर्घटना की संभावना बढ़ सकती है।

 

           

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