ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करता है तब उसका असर पुरे विश्व पर पड़ता है. ग्रह के राशि परिवर्तन से कुंडली में उसका दशा और दिशा बदलती है और उसका सीधा सर पुरे मानव जीवन पर पड़ता है.
शनि देव को कर्म फल दाता भी कहा जाता है. जो व्यक्ति जैसे कर्म करता है उसको वैसे ही फल शनि देव देते है. शनि देव ने 29 अप्रेल को राशि परिवर्तन कर दिया है. शनि देव ने कुम्भ राशी में गोचर किया है. इस गोचर के चलते कई लोगो को शनि की ढैया से छुटकारा मिलेगा तो कई लोग शनि की ढैया की चपेट में आ जायेंगे. तो आइये जानते है किन राशि वालो को फायदा होगा और किनको नुकसान.
29 अप्रेल को शनि देव ने अपनी स्व राशि कुम्भ राशि में प्रवेश कर लिया है. इस गोचर के चलते मिथुन और तुला राशी के जातको को शनि की ढैया से छुटकारा मिलेगा और वाही कर्क और वृश्चिक राशि के जातक शनि की ढैया के चपेट में आ जायेंगे. लेकिन जुलाई में शनि देव फिर से वक्री होंगे और कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातको को इस ढैया से छुटकारा मिलेगा.
अगर आप शनि की ढैया और साढ़े साती से गुजर रहे है तो आप अपनी परेशानी कम कर सकते है. अपनी परेशानी को कम करने के लिए आपको शनि देव की उपासना करनी होगी. इसके अलावा शनि देव कर्म फल दाता होने की वजह से कर्म के फल देते है. कभी भी बुरे कर्म से बचना चाहिए. बुरे कर्म करने से आपको ज्यादा परेशानी आ सकती है. आप हनुमानजी को प्रसन्न करके भी अपनी परेशानी बहोत अंश तक कम कर सकते है.