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अक्षय तृतीया : जानें अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

ज्योतिषी Published by: paliwalwani Updated Tue, 03 May 2022 08:12 AM
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अक्षय तृतीया के दिन को कोई भी नई शुरुआत करने के लिए साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है. इस बार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 3 मई को है. अक्षय तृतीया एक हिंदू और जैन वसंत त्यौहार (Spring Festival) है.

माना जाता है शुभ

अक्षय तृतीया को जप, दान या पुण्य जैसे कई अच्छे कामों के लिए भाग्यशाली (Fortunate) माना जाता है. अक्षय शब्द का मतलब होता है कभी कम नहीं होना. इसका सीधा मतलब ये है कि इस दिन किए जाने वाले कामों का फायदा कभी कम नहीं होगा. इसलिए इस दिन लोग शादी (Marriage), नई इंवेस्टमेंट या व्यापार भी शुरू करते हैं. बहुत से लोग इस दिन गोल्ड इंवेस्टमेंट भी करते हैं.

क्या है अक्षय तृतीया का इतिहास?

ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था. इस पात्र ने उनके निर्वासन (Exile) के दौरान अंतहीन भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित की थी. लोगों ने इस दिन को संपत्ति के बढ़ते रहने की उम्मीद के साथ शुभ मानना शुरू कर दिया. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन कुबेर (Kubera) को धन का मालिक बनाया गया था. 

त्यौहार के लिए पूजा करने की विधि

नए कपड़े पहनकर अक्षय तृतीया की पूजा (Worship) की जाती है. इस दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को ज्यादा महत्व दिया जाता है. भगवान को पीले रंग के कपड़े पहनाकर उनकी पूजा की जाती है. दूध (Milk), चावल समेत चने दाल का प्रसाद पूजा में देवी-देवताओं को चढ़ाने के बाद परिवार में बांटा जाता है.

पूजा का मुहूर्त

Drikpanchang.com के मुताबिक अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की पूजा का मुहूर्त 3 मई 2022 की सुबह 5:39 बजे से लेकर दोपहर के 12:18 बजे के बीच है. इसके अलावा सोना (Gold) खरीदने के लिए 3 मई को सुबह 5:18 बजे से लेकर अगले दिन यानी 4 मई को सुबह 5:38 बजे के बीच का समय सबसे अच्छा रहेगा.

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