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आपकी जीत लोकतांत्रिक है, लेकिन जीत का हिंसात्मक जश्न अलोकतांत्रिक : निर्मल सिरोहिया...✍️

आपकी कलम Published by: निर्मल सिरोहिया...✍️ Updated Wed, 05 May 2021 02:23 AM
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कोरोना काल में देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव ने एक बार फिर लोकतंत्र को मजबूत किया, लेकिन पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद तृणमूल कांग्रेस की सरकार पुनः बनने का दंभ हिंसा में तब्दील होना चिंताजनक है। यह पूरी तरह गैरवाजिब और अलोकतांत्रिक है। इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। लोकतंत्र में सत्ता के साथ दायित्व भी हासिल होते हैं, लेकिन तृणमूल समर्थकों ने इसे मनमानी करने का जरिया मानकर जिस तरह राज्य में अपने विरोधियों को निशाना बनाया है, वह घोर निंदनीय और चिंताजनक है। 

पिछले 24 घंटे में ही 10 विरोधियों की हत्या और दर्जनों लोगों पर जानलेवा हमले लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजाक उड़ा रहे हैं। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस की नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे अधिक जिम्मेदार है, जिन्होंने चुनावी सभाओं में अपने हजारों समर्थकों के समक्ष विरोधियों को चुनाव बाद देख लेने की खुली धमकी दी थी। यह तब भी अमर्यादित और गैर जिम्मेदाराना था और अब तो और अधिक नाइंसाफी भरा है, जबकि आपको जनता एक बार फिर अपना मुखिया चुना है। ऐसे में अब आपका दायित्व है कि आप अपनी प्रजा से बिना भेदभाव किए, उन्हें संरक्षण प्रदान करें। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के पुराने इतिहास को देखते हुए यह आसान नहीं लगता। ज्ञात रहे कि पूर्व में पंचायत चुनाव लड़ने वाले अपने विरोधियों को तृणमूल कांग्रेस के समर्थक अराजक तत्वों ने तरह-तरह से न सिर्फ प्रताड़ित किया बल्कि उन्हें अपना घर-बार छोड़कर भागने तक के लिए मजबूर कर दिया। आज एक बार फिर वही स्थिति है। पश्चिम बंगाल में महिलाओं तक के साथ बर्बर व्यवहार हो रहा है।अब जबकि राज्य की मुखिया ममता बनर्जी भी एक महिला है, तब तो उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे ऐसे अराजक तत्वों से सख्ती से निपटे और असहाय लोगों को अभिभावक की तरह संरक्षण प्रदान करें।

यहां यह भी जरूरी है कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार भी इस अराजकता को नजरअंदाज न करें, क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम में देश विरोधी ताकतें भी सक्रिय हो गई है, जिन्हें सबक सिखाने के लिए केंद्र को अपने अधिकार और ताकत के इस्तेमाल से कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अराजकता हावी होने का प्रयास कर रही है, जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

(लेखक डिजिटल चैनल राजनीति न्यूज़ के एडीटर इन चीफ हैं) फाईल फोटो

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क....✍️

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