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ब्रिटेन में बलात्कार और चुप्पी: टॉमी रॉबिन्सन की आवाज़ और पाकिस्तानी गैंग्स का पर्दाफाश

आपकी कलम Published by: विंद्र आर्य Updated Fri, 23 May 2025 09:13 PM
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ब्रिटेन में बलात्कार और चुप्पी: टॉमी रॉबिन्सन की आवाज़ और पाकिस्तानी गैंग्स का पर्दाफाश
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 जब बलात्कारी खुले घूम रहे हैं, और सच्चाई बोलने वाला जेल में है: इस्लामी कट्टरता बनाम सभ्यता की रक्षा

 लेखक-रविंद्र आर्य

ब्रिटेन की गलियों में आज एक ऐसी आवाज़ दबा दी गई है, जो हज़ारों बच्चियों के लिए न्याय की मांग कर रही थी। टॉमी रॉबिन्सन-एक साहसी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता-जिसने पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम गैंग्स द्वारा ब्रिटिश लड़कियों के साथ वर्षों से हो रहे सामूहिक बलात्कार, यौन शोषण और मानवीय तस्करी का पर्दाफाश किया, आज स्वयं ब्रिटेन की सरकार द्वारा जेल में डाल दिया गया है।

दूसरी ओर, जिन दरिंदों ने सैकड़ों मासूम बच्चियों के साथ 'हलाल काफ़िर' समझकर दुष्कर्म किया, वे अब भी आज़ाद घूम रहे हैं — और इस पूरे अपराध के पीछे छुपा है ब्रिटेन का वह राजनीतिक और सामाजिक डर, जिसे ‘इस्लामोफोबिया’ कहकर सच को कुचलने का औजार बना लिया गया है।

पाकिस्तानी मूल के गैंग्स: एक सुनियोजित यौन अपराध का तंत्र

Rotherham, Telford, Rochdale, Oxford, Manchester-इन शहरों में 1990 के दशक से लेकर 2020 तक हजारों बच्चियों को निशाना बनाया गया। वे अधिकतर ब्रिटिश गरीब तबके की गोरी लड़कियाँ थीं। और अपराधी अधिकतर एक ही समुदाय से-पाकिस्तानी मुस्लिम मूल के पुरुष।

इनके लिए ये बच्चियाँ ‘काफ़िर’ थीं, जिन्हें वे ‘हलाल गोश्त’ समझते थे। इन्हें पहले नशीली दवाओं से बेहोश किया जाता, फिर सामूहिक बलात्कार होता और बाद में वर्षों तक ब्लैकमेल कर यौन गुलामी में रखा जाता।

एक सरकारी रिपोर्ट (Jay Report) के अनुसार, केवल Rotherham शहर में ही 1,400 से अधिक लड़कियाँ 16 वर्षों में इस जाल में फँसीं-लेकिन पुलिस, प्रशासन और मीडिया सब चुप रहे। क्यों? क्योंकि अगर उन्होंने कुछ कहा होता, तो उन पर ‘इस्लामोफोबिक’ होने का ठप्पा लग जाता।

टॉमी रॉबिन्सन: वह अकेला जो बोल उठा

जब सभी चुप थे, तब टॉमी रॉबिन्सन सामने आए। उन्होंने लड़कियों से मिलकर उनके बयान रिकॉर्ड किए, रिपोर्ट्स बनाईं, डाक्यूमेंट्री तैयार की, और सड़कों पर जाकर लोगों को सच्चाई बताई।

उन्होंने साफ़ कहा : “जब एक पूरा गिरोह एक बच्ची को 6 महीने तक गैंगरेप करता है, और पूरा सिस्टम चुप है — तो यह अपराध नहीं, सामूहिक राष्ट्रविरोध है।”

लेकिन टॉमी को इसके लिए क्या मिला? उन्हें जेल में डाला गया। बार-बार गिरफ्तार किया गया। सोशल मीडिया से हटाया गया। उन्हें ‘फ़ार-राइट एक्स्ट्रीमिस्ट’ और ‘हेट स्पीच’ देने वाला कहकर बदनाम किया गया। उनका एकमात्र अपराध था — सच बोलना। 

ब्रिटेन की लेबर पार्टी और पाकिस्तानी वोट बैंक

ब्रिटेन की लेबर पार्टी, जो आज सत्ता में है, अपने मुस्लिम वोट बैंक को नाराज़ करने का जोखिम नहीं उठा सकती। इस पार्टी का बड़ा वर्ग पाकिस्तानी मूल के नेताओं और संगठनों के प्रभाव में है। यही कारण है कि टॉमी को जेल में डालने का आदेश उसी लेबर शासन के दौरान हुआ।

जिस प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने अब तक एक शब्द भी बलात्कार पीड़ित लड़कियों के लिए नहीं कहा, उन्होंने टॉमी पर कार्यवाही को ‘लोकतंत्र की रक्षा’ बता दिया।

  • क्या यह लोकतंत्र है? या कट्टरपंथ के सामने आत्मसमर्पण?
  • एलन मस्क का समर्थन: “टॉमी को रिहा करो, प्रधानमंत्री इस्तीफा दें”
  • टेस्ला और एक्स (पूर्व ट्विटर) के प्रमुख एलन मस्क ने इस मुद्दे पर खुलकर टॉमी का समर्थन किया। उन्होंने कहा:
  • “जब बलात्कारी खुले घूम रहे हों और पत्रकार जेल में हों, तो यह लोकतंत्र नहीं, अधिनायकवाद है।”
  • एलन मस्क ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से इस्तीफे की माँग की और टॉमी के समर्थन में वैश्विक आवाज़ को बल दिया। उन्होंने एक्स पर टॉमी के अभियानों को प्रमोट किया और सच्चाई को सामने लाने में मदद की।
  • “पाकिस्तानी गैंग्स को देश से निकाला जाए”: टॉमी की मांग

टॉमी का सीधा संदेश है :

“जो लोग हमारी बच्चियों को हलाल समझते हैं, उनका इस देश में कोई स्थान नहीं है। इन गैंग्स को डिपोर्ट किया जाए, और ऐसा कानून बने कि ऐसी मानसिकता ब्रिटेन में पनप ही न सके।”

यह केवल भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं — यह एक सामाजिक सुरक्षा की मांग है। ब्रिटिश बच्चियाँ केवल सांख्यिकी नहीं हैं — वे एक सभ्यता की अगली पीढ़ी हैं, जिन्हें सुरक्षित रखना समाज का धर्म है।

भारत के लिए चेतावनी: यही है 'सेक्युलरिज़्म' का अंतिम परिणाम

ब्रिटेन की यह कहानी भारत के लिए गहरी चेतावनी है। यहाँ भी सेक्युलरिज़्म के नाम पर कट्टरपंथियों को संरक्षण दिया जा रहा है, और सत्य बोलने वालों को ‘घृणा फैलाने वाला’ बताया जाता है।

अगर भारत ने इस चेतावनी को नहीं समझा, तो अगले दो दशकों में हमारे शहरों की बच्चियाँ भी ऐसी ही सुनसान कहानियों का हिस्सा बन सकती हैं।

टॉमी रॉबिन्सन एक व्यक्ति नहीं, चेतावनी हैं...!

  • टॉमी की जेल में होना आज के समय का सबसे बड़ा कलंक है। यह उन सबके लिए एक सवाल है जो अपनी बेटियों को सुरक्षित देखना चाहते हैं।
  • टॉमी अकेले नहीं हैं -लाखों लोग उनके समर्थन में हैं। और जब तक समाज में नैतिक साहस है, टॉमी जैसे लोग आवाज़ उठाते रहेंगे।
  • आज जरूरत है-इस आवाज़ को दबाने की नहीं, उसे और बुलंद करने की।
  • “टॉमी को रिहा करो!” -यह केवल एक नारा नहीं, यह एक सभ्यता की आत्मा की पुकार है।
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