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छावा : रोंगटा ऊबा वैईग्या

आपकी कलम Published by: paliwalwani Updated Tue, 25 Feb 2025 12:14 AM
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छावा : रोंगटा ऊबा वैईग्या
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पूछों मती जूँई, 

फिलम देखी छावा, 

रोंगटा ऊबा वैईग्या, 

आँसू लागा छळछळावां। 

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आँखा मोटी वैईगी, 

बावां लागी फड़फड़ावां,

मीनेई- मीने देस-भगति, 

उछाळा लागी खावां।

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दोई मुठ्यां भींचाई गी, 

दाँत लागा कटकटावां, 

मुंडो हर- हर महादेव, 

जय भवानी लागो गावां। 

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मीनू आतमा राजन, 

घणी लागी छटपटावां,

खून उकळ वां लागो, 

देवां लागो बुलावां।

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धन छत्रपति शिवाजी, 

धन सम्भा जी छावा, 

दुसमणां रो खोज गयो, 

आप दुनियाँ मा पूजाया।

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तुंबा ऊपरे आई स जा, 

पाणी मा कतराई छुपावां,

सच्चाई छुपावां ऊँ नी छुपे, 

भली विने कतरी छुपावां। 

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राजन समय रो फेर हैं, 

म्हा तो मौज मनावां,

म्हानें वीरां पे नाज हैं, 

नित अणा रा गुण गावां। 

नित अणा रा गुण गावां।। 

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राजेन्द्र सनाढ्य राजन

नि-कोठारिया, जि-राजसमंद, राजस्थान M. 9982980777

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