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Amet News : सर्व हिन्दु समाज ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Fri, 06 Dec 2024 12:13 AM
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M. Ajnabee, Kishan paliwal

आमेट. सर्व हिन्दु समाज द्वारा बाग्लादेश मे हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एवं  चिन्मय कृष्ण दास के रिहाई ही मांग को लेकर राष्ट्रपति ने नाम एसडीएम को एक ज्ञापन दिया।

ज्ञापन मे बताया की बांग्लादेश प्रशासन द्वारा वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी तथा वहाँ अल्पसंख्यक समुदाय पर विशेष रूप से हिन्दू समुदाय पर अनवरत एवं अमर्यादित अत्याचार वहां के प्रशासन की कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना है।

हम वहाँ के प्रशासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करते हैं। इस्कॉन ने या अन्य हिन्दू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में जितनी भी कार्यवाहियां की है। समस्त लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने प्रदर्शन किया है। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है।

इस प्रकार के पूर्ण शान्तिप्रिय और तोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं।इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बन्द करना उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है,अमानवीय है और हिन्दू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है। बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है ।

उसमें वामपंथी, इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे है। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिन्ता व्यक्त करनी चाहिए थी। जैसी रोक लगानी चाहिए थी।, ऐसी रोक नहीं लगाई है। सर्व हिन्दू आमेट समाज आपसे यह अपेक्षा करता है कि वहाँ पर हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गम्भीरता को समझे और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिन्दुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए सुरक्षा की जाए।

 भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। यह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है। परन्तु,एक बड़े हिन्दू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ौसी देश,भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है।

लेकिन लम्बे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत सरकार इन सब घटनाओं को उनके संज्ञान में ले, बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिन्दुओं के उत्पीड़न को रोके। हम तुरन्त प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी  चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की रिहाई की मांग करते हैं। और किसी भी प्रकार के हिन्दू नेता को, हिन्दू पुजारी को,धार्मिक गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे,यह अपेक्षा भी करते हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सवॅ हिन्दू समाज के लोग उपस्थित थे।

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