अयोध्या. बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को जोर का झटका लगा था. भाजपा को सबसे बड़ा झटका उनके कोर स्टेट उत्तर प्रदेश में लगा था, जहां उनकी सीट घटकर आधी रह गई थी.
इसके अलावा भाजपा को फैजाबाद यानी अयोध्या सीट पर भी करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसी साल के जनवरी में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के बाद किसी ने भी नहीं सोचा था कि बीजेपी अयोध्या सीट से हार जाएगी. लेकिन, हुआ कुछ ऐसा ही. इस हार का नतीजा यह हुआ कि बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा भी नहीं छू सकी.
बहरहाल नतीजों को लेकर पिछले दिनों भाजपा ने मंथन किया और वजहों को जानने की कोशिश की. भाजपा का फोकस अयोध्या के परिणाम की समीक्षा पर टिका था. बीजेपी ने यहाँ मिली हार की अलग से समीक्षा की. इस समीक्षा में कई वजहें सामने निकलकर आई और मतदाताओं ने बीजेपी के उम्मीदवार को नकार दिया.
बताया यह भी गया था कि मंदिर निर्माण के साथ ही लिए गए कई फैसले के बाद यहाँ के स्थानीय लोगों में सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा था. संभवतः निर्माण, जमीन और रोजगार से जुड़े मुद्दे से नाराज मतदाताओं ने बीजेपी को नकार दिया. बहरहाल चुनावी नतीजों के महीने भर बाद भाजपा की सरकार ने अयोध्या में लिए गए.
कई बड़े फैसलों को वापस ले लिया हैं, साथ ही स्थानीय लोगो को राहत पहुचांने की कोशिश भी की हैं. तो आइये जानते हैं कि बीजेपी की सरकार ने पांच बड़े बदलाव किये हैं.