उत्तप्रदेश. लखीमपुरी खीरी में छह किसानों की मौत का विवाद देशभर में बढ़ गया है. आज देशभर में किसान डिप्टी कमिश्नर के घर के बाहर धरना देंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की कि लखीमपुर खीरी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से हो, यूपी प्रशासन से नहीं. सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो एसयूवी द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को कुचले जाने के विरोध में किसान सोमवार को देश भर के डीएम कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे. किसान नेता राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “लखीमपुर खीरी में हुई घटना बहुत ही दुखद है. इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है. किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार किस हद तक गिर सकती है, सरकार और सरकार में बैठे लोगों ने आज फिर बता दिया. लेकिन अपने हक के लिए किसान फिरंगियों के आगे नहीं झुके. सरकार किसान के धैर्य की परीक्षा न ले. किसान मर सकता है पर डरने वाला नहीं है. सरकार होश में आए और किसानों के हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करे. किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी. सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी कल लखीमपुर खीरी जाएंगे. लखीमपुर खीरी घटना ने भाजपा को चौतरफा घेर कर रख दिया हैं. भाजपा राजनीति में अब तक की सबसे बड़ी गलती कर रही हैं. इस घटना में दुख जताते हुए आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाना चाहिए वरना किसानों का आक्रोश मोदी सरकार के लिए कलंक बन जाएगा.