- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, आगरा
आगरा.
अखिलेश यादव के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, इसके साथ ही सैकड़ों जवान सांसद के घर के आसपास तैनात हैं. अखिलेश ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर आरोप लगाया कि ये PDA को तोड़ने की कोशिश है.
राणा सांगा पर राज्यसभा में दिए बयान के बाद छिड़े सियासी घमासान के बीच शनिवार को सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने संजय प्लेस स्थित उनके आवास पहुंचे. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि करणी सेना नहीं ये योगी सेना है, जिसके लिए सरकार से फंडिंग हो रही है. सीएम के स्वजातीय लोगों ने जिस तरह तलवारें लहराईं, वो पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यकों को डराना चाहते हैं, जिस तरह हिटलर सेना रखता था, लोगों की आवाज दबाने के लिए उसी तरह ये योगी सेना लोगों को डरा रही है.
बीजेपी पर हमलावर अखिलेश यादव ने कहा कि आज सामंतवादी और प्रबुद्धवादी को पता है कि उनकी सत्ता है. उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. साथ ही सपा मुखिया ने कहा कि उनको भी गोली मारने की धमकी मिल रही है. इन धमकियों के पीछे आखिर है कौन. वैसे तो सरकार को ख़ुद संज्ञान लेना चाहिए लेकिन वह ख़ुद कार्रवाई कभी नहीं करेगी. सपा कार्यकर्ता शिकायत करने जाएंगे तो उनपर भी सुनवाई नहीं होगी.
थानों में पीडीए की तैनाती नहीं हो रही, ऊंची जातियों के थानेदारों की तैनाती की जा रही हैं. एसटीएफ में भी यही हो रहा है. जो शक्तिप्रदर्शन आगरा में हुआ, उसके बाद बीजेपी में दिल्ली और लखनऊ में लड़ाई बढ़ गई. आगरा में हिंसा हुई तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगरा की छवि ख़राब होगी. इसलिए यहां के लोग सच्चाई का साथ दें.
सपा प्रमुख ने कहा कि समाजवादी पार्टी बाबा साहब आंबेडकर के संविधान और उसके तहत हमें मिले अधिकारों का पालन करते हुए आगे बढ़ेगी. तलवार लहराने वालों और गाली-गलौज करने वालों पर कार्रवाई होगी. अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय सांसद सुमन के यहां आने का फैसला लिया, तभी साफ किया कोई प्रदर्शन नहीं करना है. कोई ताकत नहीं दिखाई है। अपनी पार्टी के नेता के घर जाना है, जो जा रहा हूं
अखिलेश यादव ने कहा कि करणी सेना नहीं ये योगी सेना है, जिसके लिए सरकार से फंडिंग हो रही है. सीएम के स्वजातीय लोगों ने जिस तरह तलवारें लहराईं, वो पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यकों को हटाना चाहते हैं. तलवार लहराने पर भी न तो पुलिस ने कोई कार्रवाई की और न ही किसी ने विरोध किया. इस तरह के शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति सरकार ने दी थी. उनका इरादा जान लेने का था. ये सब प्रदर्शन सरकार की फंडिंग पर हो रहा है.