Ayodhya Mosque Foundation: अयोध्या की धरती पर जहां पर भगवान श्रीराम के मंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। इधर मुस्लिम समुदाय को भी खुशी मिली है जहां पर देश की सबसे बड़ी मस्जिद बनने जा रही है इसकी नींव रमजान से पहले रखी जाएगी। इतना ही नहीं यह केवल मस्जिद ना होकर इसके परिसर में कई व्यवस्थाएं भी होने वाली है।
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की जानकारी देते हुए मस्जिद विकास समिति के चेयरमैन और भाजपा नेता हाजी अराफात शेख ने बताया कि, मोहम्मद पैगंबर के नाम पर मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला रखा जाएगा। इस मस्जिद में पहली नमाज मक्का के इमाम अब्दुल रहमान अल सुदैस पढ़ेंगे।
इतना ही नहीं यह मस्जिद शहर से 25 किलोमीटर दूर बनने वाली है इसमें 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी, जो 18-18 फीट पर खुलेगी। इसके अलावा इस मस्जिद में परिसर में कैंसर हॉस्पिटल बनेगा, जहां हर धर्म, हर मजहब के लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे। जिससे देश में मोहब्बत का पैगाम जाएगा। स्कूल, म्यूजियम और लाइब्रेरी बनेगी। यहां वेज किचन बनेगा, जो यहां आने वाले लोगों को मुफ्त खाना खिलाएगा। यहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल जैसे पांच कॉलेज बनेंगे। वहां दुबई से बड़ा फिश एक्वेरियम बनेगा।
आपको बताते चलें, यह मस्जिद ताजमहल से भी खूबसूरत बनने वाली है मस्जिद में बड़े-बड़े फव्वारे लगाए जाएंगे, जो शाम होते ही चलने लगेंगे। इसके साथ ही नमाज शुरू होगी, यह नजारा देखने में भव्य होगा। यहां हर धर्म के लोगों को आने की अनुमति होगी।
कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि मस्जिद बनाने के लिए सरकार से एक रुपया भी नहीं लिया गया है। हम खुद की वेबसाइट बना रहे हैं, जिसके अंदर क्यूआर कोड होगा, जिसके जरिए आप दान कर सकेंगे। जैसे ही आप पेमेंट करेंगे तुरंत आपको मैसेज जाएगा कि मस्जिद निर्माण में अपना योगदान देने के लिए धन्यवाद।
बता दें, बीते साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाया था इसमें राम मंदिर बनाए जाने को लेकर स्वीकृति देने के साथ ही मुस्लिम पक्ष को धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था। 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ का गठन किया गया था। इसमें बोर्ड ने सरकार की ओर से दी गई 5 एकड़ जमीन को स्वीकार किया। अक्टूबर में अयोध्या विकास प्राधिकरण की एक बैठक हुई, जिसमें धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लेआउट को मंजूरी मिली।