लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक भंडारण के पद पर तैनात 59 वर्षीय डॉ रंजना शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. वह महानगर के ट्रांजिट हॉस्टल में स्थित एक फ्लैट में रहती थी और रविवार को उसका शव आधी जली हुई हालत में मिला. पुलिस का कहना है कि उनका एक पैर हीटर पर पड़ा था और जिसका स्प्रिंग टूटा हुआ था. फिलहाल इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत जलने के कारण सामने आ रही है. डा. रंजना अगले साल रिटायर होने वाली थी और उनका अपने पति से तलाक हो चुका है. वहीं पुलिस का कहना है कि शव तीन से चार दिन पुराना है.
जानकारी के मुताबिक डॉ रंजना मूल रूप से एटा की रहने वाली थी और स्वास्थ्य निदेशालय में तैनात थी. वहीं रविवार को फ्लैट से भयानक बदबू आने के बाद पड़ोसियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. वहीं फ्लैट अंदर से बंद होने के कारण पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो उन्हें आधी जली हुई लाश मिली. पुलिस ने घटना की जानकारी राजाजीपुरम में रहने वाले उनके रिश्तेदार पंकज पाठक और दिल्ली निवासी उनके भाई डॉ मनोज शर्मा और रतन शर्मा को दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पोस्टमार्टम में मौत का कारण झुलसने के कारण बताई जा रही है. वहीं पुलिस का कहना है कि परिवार ने किसी भी आरोप से इनकार किया है. उनके भाई मनोज ने बताया कि 11 जनवरी को उसकी बहन से बात हुई थी और सब ठीक था.
इस मामले में एसीपी महानगर जया शांडिल्य ने बताया कि पोस्टमार्टम में मौत का कारण जलना सामने आया है. आशंका जताई जा रही है कि हीटर की चपेट में आने से वह झुलस गई और उसकी मौत हो गई. रविवार रात पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस का कहना है कि डॉ रंजना शर्मा 28 दिसंबर 2021 से ऑफिस नहीं जा रही थीं और वह अगले साल रिटायर होने वाली थी. जबकि उनका तलाक हो चुका है.
वहीं डा. रंजना के कमरे में बड़ी मात्रा में मिली जली हुई लौंग कपूर और पूजन सामग्री मिली है. फिलहाल पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि क्या डॉ रंजना किसी भी जादू-टोने के चक्कर में तांत्रिक के संपर्क में तो नहीं थी. परिजनों ने बताया कि डॉ. रंजना शर्मा अकेले होने के कारण डिप्रेशन में रहती थीं.