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अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच के तत्वावधान में पवित्र संकल्पित उद्देश्यों केकायौ को पूर्ण करने एवं जन-जन में विचारों का प्रवाह

धर्मशास्त्र Published by: paliwalwani Updated Thu, 15 May 2025 10:26 AM
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अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच के तत्वावधान में पवित्र संकल्पित उद्देश्यों केकायौ को पूर्ण करने एवं जन-जन में विचारों का प्रवाह
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जे गुरु पद अंबुजअनुरागी!!

ते लोंकहु बेद‌उ बड़भागी!!

सेवक संत हृदय इंद्रभान भदोरिया मुख्य संपादक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक वक्त दर्शन एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अंतर्राष्ट्रीय संत बौद्धिक मंच भारत

1. आध्यात्मिक मार्गदर्शन: संतों के संगठन में आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करना।

2. धार्मिक शिक्षा: संतों के संगठन में धार्मिक शिक्षा प्रदान करना और लोगों को धर्म के बारे में शिक्षित करना।

3. सामाजिक सेवा: संतों के संगठन में सामाजिक सेवा करना, जैसे कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना।

4. आध्यात्मिक साहित्य का प्रकाशन: संतों के संगठन में आध्यात्मिक साहित्य का प्रकाशन करना और लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करना।

5. धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन: संतों के संगठन में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करना, जैसे कि पूजा, हवन, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान।

6. सामुदायिक सेवा: संतों के संगठन में सामुदायिक सेवा करना, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सामुदायिक सेवाएं प्रदान करना।

7. आध्यात्मिक अनुसंधान: संतों के संगठन में आध्यात्मिक अनुसंधान करना और आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देना।

8. संतों के बीच एकता: संतों के संगठन में संतों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देना।

9. व्यक्तिगत सुरक्षा: संतों की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड या अन्य सुरक्षा उपायों का प्रबंधन करना।

10. स्थानिक सुरक्षा: संतों के रहने और पूजा करने के स्थानों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों का प्रबंधन करना।

11. जानकारी संग्रहण: संतों की सुरक्षा के लिए जानकारी संग्रहण और निगरानी करना।

12. सुरक्षा प्रशिक्षण: संतों और उनके सहयोगियों को सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करना।

13. आपातकालीन योजना: संतों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन योजना बनाना और उसका पालन करना।

14. सहयोग और समन्वय: संतों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग और समन्वय करना।

15. संतों के कार्यक्रमों की सुरक्षा: संतों के सार्वजनिक कार्यक्रमों और आयोजनों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा उपायों का प्रबंधन करना।

16. साइबर सुरक्षा: संतों की डिजिटल संपत्तियों और ऑनलाइन उपस्थिति की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा उपायों का प्रबंधन करना।

 संतों के द्वारा विश्व में सनातन धर्म एवं विश्व कल्याण हेतु कई कार्य। 

17. धार्मिक शिक्षा और प्रचार: संतों द्वारा धार्मिक शिक्षा और प्रचार करना, जिससे लोगों को सनातन धर्म के मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में जानकारी मिल सके।

18. आध्यात्मिक मार्गदर्शन: संतों द्वारा लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करना, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।

19. सामाजिक सेवा: संतों द्वारा सामाजिक सेवा करना, जैसे कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।

20. विश्व शांति और एकता: संतों द्वारा विश्व शांति और एकता को बढ़ावा देना, जिससे लोगों के बीच प्रेम और समझ बढ़ सके।

21. पर्यावरण संरक्षण: संतों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना, जिससे प्रकृति की रक्षा की जा सके और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके।

22. सांस्कृतिक संरक्षण: संतों द्वारा सांस्कृतिक संरक्षण के लिए काम करना, जिससे सनातन धर्म की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बचाया जा सके।

23. मानव मूल्यों का प्रचार: संतों द्वारा मानव मूल्यों का प्रचार करना, जैसे कि करुणा, सहानुभूति, और सेवा, जिससे लोगों के बीच अच्छे संबंध बन सकें।

24. आध्यात्मिक अनुसंधान और लेखन: संतों द्वारा आध्यात्मिक अनुसंधान और लेखन करना, जिससे लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और समझ में वृद्धि हो सके।

25- अखण्ड भारत के निर्माण के लिए पूरे विश्व में भ्रमण कर साधु संतों को एक मंच पर लाकर राष्ट्र की रक्षा एवम सनातन की रक्षा के लिए साधु - संतों को सत्ता तक पहुंचाना ...... स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच एवम् संस्थापक संयोजक अंतर्राष्ट्रीय सनातनी अखाड़ा।

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