जावरा. पंडित पुष्पराज आचार्य बालाजी ज्योतिष वास्तु केंद्र जावरा ने पालीवाल वाणी को बताया कि श्रावण मास का आरंभ 25 जुलाई 2021 रविवार से शिव की आराधना के लिए सावन का महीना विशेष महत्व रखता है. सावन में भगवान शिव की अराधना की जाती है. सावन के सभी सोमवार का अपना महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पांचवा महीना सावन कहलाता है. इस साल सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा. इस दौरान कुल 4 सोमवार पड़ेंगे. आषाढ़ का महीना समाप्त होने के बाद श्रावण का महीना शुरू होता है. श्रावण के महीने को ही सावन का महीना कहा जाता है. हिंदू कैंलेडर के अनुसार आषाढ़ मास को चौथा और सावन के महीने को पांचवां महीना माना गया है. भगवान शिव की पूजा पाठ के लिए सावन का महीना सर्वोच्च महीनों में से एक माना गया है. इन दिनों में की जानें वाली पूजा का विशेष फल मिलता है.
● कावंड़ यात्रा से शुरुआत : सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है. मान्यता है कि सावन के महीने में पड़ने वाले सभी सोमवार में यदि विधि पूर्वक भगवान शिव की पूजा की जाए तो सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी महीने में शिव के भक्त कांवड लेकर जाते है जिसके लिए शासन स्तर पर विशेष तैयारी की जाती है. कांवड़ यात्रा में शामिल भगवान शिव के भक्त दूर दूर पैदल यात्रा कर गंगा जल लाकर शिवलिंग पर अर्पित करते है.
● इस दिन होगा समापन : सावन शिवरात्रि को कांवड़ यात्रा का समापन दिवस भी कहा जाता है जो मानसून के श्रावण के महीने मे आता है. हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित अन्य स्थानों से गंगाजल भरकर अपने-अपने स्थानीय शिव मंदिरों में इस पवित्र जल को लाकर चढ़ाया जाता है.
● कब से शुरू हो रहा है सावन : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास का समापन 24 जुलाई 2021 को पूर्णिमा की तिथि को होने जा रहा है. इस पूर्णिमा की तिथि को आषाढ़ी पूर्णिमा भी कहा जाता है. श्रावण मास का आरंभ इसके अगले दिन यानि 25 जुलाई 2021 से हो जाएगा.
● सावन के महीने में क्या-क्या करें : शास्त्रों में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है. इस महीने भगवान शिव की विशेष उपसाना की जाती है. इस महीने में शास्त्रों का अध्ययन करना, पवित्र ग्रंथों को सुनना पढ़ना बहुत शुभ होता है. इस पूरे महीने में धर्मिक कार्यों को करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. सावन के हर सोमवार को व्रत रखकर सुबह स्नान कर शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध, गंगा जल, बेल पत्र, फूल, चावल आदि चढ़ाकर पूजा की जाती है. कहते हैं जैसी मनोकामना हो उसके अनुसार इच्छा मन में रखकर पूजा करें. भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है.
● सावन सोमवार कब-कब होंगे.
सावन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि व्रत रखा जाएगा.
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● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क.जगदीश राठौर...✍️