Sawan 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास का पूर्णिमा तिथि के समापन के साथ ही भगवान शिव का प्रिय माह श्रावण शुरू हो जाता है। इसे सावन मास भी कहते हैं। इस पूरे एक माह भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धाभाव के साथ भोलेनाथ को मात्र एक लोटा जल चढ़ा देता है, तो इसके हर एक कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशहाली ही खुशहाली बनी रहती है। शिवपुराण के अनुसार, अगर आप भोलेनाथ को विभिन्न चीजें अर्पित नहीं कर पा रहे हैं, तो बस एक लोटा जल चढ़ा दें।
इससे वह आपकी हर एक कामना को पूरा कर देते हैं। लेकिन जब शिवलिंग में जल चढ़ाने की बात आती है, तो एक लोटा जल लेकर बस शिवलिंग के ऊपर चढ़ा देते हैं। बता दें आप गलत तरीके से जल चढ़ा रहे हैं। शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को एक लोटा जल अगर सही तरीके से चढ़ाया जाए, तो वह उस जल को स्वीकार करते हैं और आपकी हर कामना को पूरा करते हैं। आइए जानते हैं भगवान शिव को जल चढ़ाने का सही तरीका…
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को जल चढ़ाते समय कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। कभी भी तेज धारा के साथ जल न चढ़ाएं, बल्कि इस विधि से चढ़ाएं।
शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग में जल चढ़ाते समय दिशा का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाएं, क्योंकि इस दिशा को शिव जी का बाया अंग माना जाता है, जो मां पार्वती को समर्पित है।