पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े लाखों किसानों के लिए एक खुशखबरी है। खासकर उन किसानों के लिए, जो उत्तर प्रदेश के हैं और उनकी किस्त किसी कारण से रुकी हुई है। वैसे तो देश भर में अगस्त-नवंबर की 2000 रुपये की लाखों किसानों की किस्त अभी लटकी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के 1751736 किसान हैं, जबकि 3388 किसानों का पेमेंट फेल हो गया है। वहीं, दूसरे नबंर पर ओडिशा है। यहां के 1057251 किसानों की पेमेंट लटक गई है। तीसरे स्थान पर काबिज उत्तर प्रदेश के 658376 किसानों की किस्त लटक गई है। इस बार पेमेंट फेल होने वाले लाभार्थियों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश के किसानों की है। यहां 121676 किसानों के खातों में पैसा पेमेंट फेल होने की वजह से पहुंचा ही नहीं है।
अगर आप भी इन्हीं किसानों में से हैं तो योगी सरकार आपकी समस्या का समाधान आज से करने जा रही है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग राज्य के सभी जिलों में आज यानी 11 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक 'पीएम किसान समाधान दिवस' आयोजित करेगा। इस दौरान समाधान दिवस पर मुख्य रूप से इनवैलिड आधार और आधार के अनुसार नाम सही कराया जाएगा। अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए थे।
इसकी पुष्टि करते हुए उप निदेशक कृषि गोरखपुर संजय सिंह कहते हैं, ‘‘प्रत्येक विकास खंड के राजकीय कृषि बीज भंडार पर 3 दिवसीय डेडीकेटेड कैम्प लगाकर पहले से पंजीकृत ऐसे कृषक जिनकी किस्तें इनवैलिड आधार, नाम मिसमैच अथवा अन्य किसी कारण से रुकी हैं या कुछ किस्तों के बाद सुधार योग्य कारणों से रुक गई हैं, के अभिलेख यथा कृषक व उसकी पत्नी/पति के आधार की छायाप्रति, बैंक पास बुक की छाया प्रति और लेखपाल के द्वारा पात्रता प्रमाणित घोषणापत्र व हिस्सा प्रमाणित खतौनी व तद् विषयक आवेदन पत्र प्राप्त करके उनके डाटा में सुधार का कार्य किया जाएगा। अब पीएम किसान पोर्टल पर नया पंजीकरण बंद है, अतः उक्त कैम्प में ने पंजीकरण के लिए कृषक संपर्क न करें।’’
जिन किसानों का आधार नंबर गलत होने या आधार के अनुसार नाम सही न होने के कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल रहा है, वे 11 से 13 अक्टूबर के बीच कार्यालय अवधि में अपने विकास खंड के राजकीय बीज गोदाम पर आधार कार्ड और बैंक खाते के विवरण के साथ पहुंचकर अपना डाटा ठीक करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य समस्या होने पर भी किसान समाधान दिवस में मदद ली सकती है।
जिन किसानों को योजना के तहत कम से कम एक किस्त प्राप्त हुई है, किंतु उनका आधार संख्या या नाम गलत है तो ऐसे किसानों का विवरण संबंधित बैंक से प्राप्त कर, उनका शत प्रतिशत सत्यापन कराकर डाटा दुरुस्त कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए कृषि विभाग व अन्य विभागों में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों को तीन दिन के लिए राजकीय बीज गोदामों पर तैनात किया जाए।
आधार आथंटिकेशन अनिवार्य हो जाने के कारण काफी संख्या में ऐसे किसान जिनका आधार संख्या इनवैलिड है या आधार कार्ड में लिखे नाम के अनुसार डेटा बेस में नाम फीड नहीं हुआ है, उनकी किसान सम्मान निधि का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से रोक दिया गया है। ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिए 'पीएम किसान समाधान दिवस' के रूप में तीन दिनी अभियान चलाया जा रहा है।