● मेवाड की कलम से-प्रकाश प्रजापती मुंबई संवाददाता...✍️
राजसमंद । कलाकार और उसके चाहने वालों की कई कहानी आपने सुनी होगी लेकिन हम आपको एक ऐसी दास्तान से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो भावनात्मक होने के साथ-साथ मानवीय पहलू से भी जुड़ी हुई है हम बात कर रहे हैं, राजस्थानी भजनों के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार श्री जगदीश वैष्णव और उनके एक चाहने वाले फैन की।
कहानी की शुरुआत कुछ यूँ है की अक्सर भजनों के लिए गुजरात जाने वाले श्री जगदीश वैष्णव की मुलाकात राजसमंद जिले के बामन टुकड़ा गांव के भगवान शिव के इस विशिष्ट भक्त श्री शंकरलाल दवे से हुई श्री दवे भारत की टॉप टेन नमकीन प्रोडक्ट में एक नाम धरती नमकीन के फाउंडर है। यह मुलाकात दोस्ती में बदली और कलाकार और उसके चाहने वालों के मध्य एक भावनात्मक रिश्ता बन गया कुछ दिनों पहले कोरोना काल के चलते दवे महामारी के चपेट मे आ गए। जब इस बात की खबर श्री जगदीश वैष्णव को हुई तो उन्होंने मेवाड़ के प्रसिद्ध धाम पाटिया महादेव से मन्नत मांगी कि श्री दवे स्वस्थ होकर घर पर आएंगे तो मैं आपके द्वार मुंगाना से पैदल चलकर आऊंगा। 2 दिन पहले श्री शंकरलाल दवे के स्वस्थ होने के समाचार दूरभाष पर श्री वैष्णव को प्राप्त हुए और उसी क्षण उन्होंने ईश्वर से किए हुए वादे के अनुरूप मेवाड़ के अपने गांव चित्तौड़गढ़ मुंगाना से पदयात्रा शुरू की दो दिन के इस पदयात्रा में जैसे-जैसे लोगों को एक कलाकार और उसके चाहने वाले व्यक्ति के मध्य कि इस प्रेम की कहानी की सूचना लोगों तक पहुंची गांव-गांव के लोग उनके स्वागत और सम्मान के लिए अपने घरों से निकल पड़े। और जिस-जिस रास्ते से श्री वैष्णव निकले लोगों ने पलक पावडे बिछाते हुए उनका अभूतपूर्व सम्मान पाटिया महादेव बामन टुकड़ा पहुंचने पर दोपहर 3ः00 बजे उनके द्वारा विशाल भजन संध्या की गई। महाप्रसाद किया गया जिसमें भक्तो ने भंजन महाप्रसाद का लाभ लिया।
श्री जगदीश वैष्णव ने कहां की मनुष्य की कोई जाति नहीं होती हैं जो कुछ होता है ईश्वर की कृपा से होता है भगवान शिव की कृपा से श्री दवे स्वस्थ हुए और मेरी आराधना सफल हुई, इससे बड़ा भोलेनाथ का प्रसाद क्या हो सकता है।
जब यह जानकारी श्री दवे को हुई तो उनके आंसू निकल पड़े, भावनात्मक रूप से लालिमा लिए हुए उनकी आंखों से एक एहसास प्रेम संदेश निकला और उन्होंने कहा कि मैं अपने जीवन में भी नहीं सोच सकता कि इतने बड़े कलाकार मेरे जैसे एक सामान्य व्यक्ति के लिए इतना बड़ा कार्य करेंगे...। श्री जगदीश वैष्णव के भावनात्मक प्रेम देखकर पालीवाल ब्राह्मण समाज, बामन टुकड़ा ग्रामवासियों के साथ-साथ भक्तों के लिए अमूल्य और ऐतिहासिक क्षण हम सबके लिए बन गया।
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-
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