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रानी पद्मावती का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा हिन्दू समाज

राजसमन्द Published by: Suresh Bhatt Updated Tue, 07 Feb 2017 01:33 AM
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राजसमंद। फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद ने भी मोर्चा खोल दिया है। जिला मंत्री भगवती लाल पालीवाल ने रोष जताते हुए कहा कि इतिहास को तोड़ मरोडक़र दिखाना हिन्दू समाज बर्दाश्त नही करेगा। उन्होंने कहा कि पदमावती का जौहर राजस्थान का ही नही बल्कि हिंदुस्तान के इतिहास का गौरवशाली अध्याय है हिंदुस्तान के ऐसे गौरवशाली इतिहास में दर्ज महारानी पदमावती को सिर्फ बॉलीवुड में दिखाकर भारत के इतिहास धर्म संस्कृति का अपमान एक जघन्य कृत्य हे। रोष जताने वालो में जिला कार्यकारी अध्यक्ष राकेश हिंगड़, जिला सह मंत्री पिंटू मेवाड़ा, मुकेश जोशी, जिला उपाध्यक्ष शांतिलाल पालीवाल, महिपालसिंह चारण, हिरालाल खटीक, जीवन सिंह चारण आदि शामिल थे। वही दूसरी और बजरंग दल के विभाग सयोजक ने संजय लीला भंसाली के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा की रानी पदमावती के इतिहास को तोड़ मरोडक़र फिल्मो की लोकप्रियता जुटाने के लिए दर्शाया जाना बेहद अपमानजनक और असहनीय है। बजरंग दल के जिला सयोंजक सोनवीर सिंह ने कहा की इतिहास को बदलने का प्रयास करने वालो का विरोध कर उचित जवाब दिया गया है। यदि भंसाली ने अपनी फिल्म के अपतिंजनक दृश्यों में उचित बदलाब नही किया तो आगे होने वाली प्रतिक्रियाओं के लिए खुद जिमेदार होंगे। भंसाली का विरोध करते हुए विहिप के कार्यकारणी अध्यक्ष राकेश हिंगड ने बताया कि जब आप इतिहास पर आधारित फिल्म बना रहे है तो आपको स्वयं सीमा रेखा तय करनी होगी कि अभिव्यक्ति के आजादी के नाम पर आप क्या दिखा सकते है। बजरंग दल विभाग संयोजक गजेन्द्र पालीवाल ने कहा कि जिस महारानी पद्मावती अपने सतित्व की रक्षा के लिये 16000 वीरांगनाओं के साथ जोहर किया। ड्रीम सीक्वेंस के नाम पर उनके साथ अल्लाउद्दीन खिलजी के प्रेम का दृश्य का फिल्माकंन ना केवल संजय लीला भंसाली के बौद्धिक दिवालियेपन बल्कि इतिहास के प्रति उनके अविवेकपूर्ण दुस्साहस का भी परिचायक जबकि इतिहास तो यह है कि अल्लाउद्दीन खिलजी एक क्रूर ही नहीं बल्कि धूर्त खलनायक था।

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