Rajasthan News: राजस्थान से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक पति ने अपनी पत्नी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था, लेकिन जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो पत्नी ने कहा कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया है, बल्कि वह अपनी मर्जी से उस शख्स के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है। जिसके खिलाफ उसके पति ने केस दर्ज कराया है। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि यह कानूनी अपराध नहीं है।
आवेदक ने मामला दर्ज कराया था कि उसकी पत्नी का एक व्यक्ति ने अपहरण कर लिया है। इसके बाद उनकी पत्नी हलफनामे पत्र के साथ कोर्ट में पेश हुईं। वहां उसने बताया कि किसी ने उसका अपहरण नहीं किया था, बल्कि वह अपनी मर्जी से आरोपी संजीव के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि IPCकी धारा 366 के तहत कोई अपराध नहीं हुआ है और एफआईआर रद्द की जाती है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि महिला ने स्वीकार किया है कि उसका संजीव के साथ विवाहेतर संबंध था, इसलिए यह IPCकी धारा 494 और 497 के तहत अपराध बनता है। वकील ने अदालत से सामाजिक नैतिकता की रक्षा के लिए अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अपील की। सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा, ''यह सच है कि हमारे समाज में मुख्यधारा का दृष्टिकोण यह है कि शारीरिक संबंध केवल विवाहित जोड़े के बीच ही होने चाहिए, लेकिन जब दो वयस्क शादी के बाहर सहमति से संबंध बनाते हैं, तो यह कोई अपराध नहीं है'' ।हालाँकि, इसे अनैतिक माना जाता है।"
कोर्ट ने कहा, ''एक वयस्क महिला जिससे चाहे शादी कर सकती है और जिसके साथ चाहे रह सकती है।'' आवेदक की पत्नी ने एक आरोपी व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ा था और संजीव के साथ रिश्ते में है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि जब दो वयस्क शादी के बाहर सहमति से संबंध बनाते हैं तो यह कानूनी अपराध नहीं है। हालाँकि, इसे अनैतिक माना जाता है। हाई कोर्ट ने पति की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि IPCकी धारा 497 के तहत व्यभिचार एक अपवाद था, जिसे पहले ही रद्द किया जा चुका है। न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार ने कहा कि IPCकी धारा 494 (द्विविवाह) के तहत मामला नहीं बनता क्योंकि दोनों में से किसी ने भी अपने पति या पत्नी के जीवनकाल के दौरान दूसरी बार शादी नहीं की थी। जब तक विवाह सिद्ध न हो जाए, लिव-इन-रिलेशनशिप धारा 494 के अंतर्गत नहीं आती।