प्रदेश में कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति इन दिनों चरम पर है। मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री पद किसे दिया जाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन खेमे के तीन लोगों को अपनी पसंद से ही चयनित करने पर अड़े है। इसे लेकर खींचतान बढ़ गई है। उन्हें समझाने के लिए एक के बाद एक कांग्रेस के नेता जयपुर का दौरा कर रहे है। दूसरी तरफ गहलोत है कि झुकने को बिलकुल भी तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। आलाकमान भी गहलोत को नाराज करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में बीच का रास्ता निकालने के नए फार्मूले के साथ नेताओं को जयपुर भेजा जा रहा है।
गहलोत इस बार भी सचिन खेमे को रियायत देने को तैयार नहीं है। वे नहीं चाहते कि किसी प्रकार का मैसेज जाए कि गहलोत को झुकना पड़ा। सचिन खेमे में गहलोत पहले ही सेंध लगा चुके है। अब वे इस खेमे में पूरा बिखराव करने को आमादा हैं। गहलोत सचिन खेमे के तीन लोगों को मंत्री बनाने की तैयार हैं, लेकिन नाम को लेकर उन्होंने अपना नाराजगी खुलकर जाहिर कर दी है। गहलोत सचिन खेमे के ऐसे तीन लोगों को मंत्री बनाना चाहते हैं जो कभी उनके नजदीकी रह चुके हैं। ऐसा कर वे इन तीन लोगों को अपनी तरफ करने की तैयारी में हैं। दूसरी तरफ सचिन अपने सुझाए तीन नाम पर अड़े हैं। आलाकमान को गहलोत अपनी मंशा खुलकर बता चुके है। इस कारण पैदा हुआ गतिरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है।
पार्टी आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन को जयपुर भेज बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया। बात बन नहीं पाई। उन्होंने यहां की वास्तविक स्थिति के साथ ही गहलोत व सचिन की मंशा से आलाकमान को अवगत करवा दिया। बात न बिगड़े इसके लिए हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष और सोनिया गांधी की विश्वस्त कुमारी शैलजा को यहां भेजा गया। इसके बाद आज कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी जयपुर आ रहे है। ये दोनों गहलोत के करीबी माने जाते है। ऐसे में सोनिया गांधी ने इन दोनों को गहलोत को राजी करने के लिए यहां भेजा है।