उत्तराखंड :
उत्तराखंड प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत के नेतृत्व में पूरे देश में अनेकों आंदोलन कार्यक्रम निरंतर विगत पांच वर्षो से किए जा रहे हैं. यही कारण है कि आज राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड पंजाब हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय हो चुका हैं और हिमांचल और कर्नाटक में विधान सभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा निर्णायक भूमिका में रहा हैं.
सीताराम पोखरियाल ने बताया कि बी पी सिंह रावत उत्तराखंड राज्य के सदुर्वर्ती जनपद रुद्रप्रयाग के एक छोटे से गांव से आते है और सरकारी कर्मचारी के रूप में उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर में वर्ष 2007 से कार्यरत हैं बीपी सिंह रावत ने विगत पांच वर्षो में गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश असम, मेघालय, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, पंजाब में अनेको आंदोलन कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं.
कार्मिक संगठनो के इतिहास में पहली बार बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में कश्मीर के लाल चौक से लेकर कन्याकुमारी तक पुरानी पेंशन बहाली न्याय यात्रा निकाली गई. देश के कार्मिक इतिहास में पहली बार पुरानी पेंशन बहाली के लिए संसद मार्च राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में किया गया हैं.
पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए सड़क से सदन तक पहुंचाने के लिए विधान सभा घेराव मुख्यमंत्री आवास घेराव जैसे बड़े आंदोलन कार्यक्रमों में कई बार बीपी सिंह रावत की गिरफ्तारी भी हो चुकी हैं जिसका परिणाम यह है कि आज हर कर्मचारी की जुंवा पर सिर्फ एक ही आवाज है, पुरानी पेंशन बहाल करो. देश के सबसे बड़े प्रभावशाली राज्य गुजरात विधान सभा घेराव कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में 21 सितंबर 2022 जो कि पूरे देश में चर्चा का विषय रहा हैं. असम राज्य में विगत तीन वर्षो में चार बड़े आंदोलन कार्यक्रम बीपी सिंह रावत के नेतृत्व मे आयोजित हो चुके हैं.
जम्मू कश्मीर में तीन बार पुरानी पेंशन बहाली के बड़े कार्यक्रम बी पी सिंह रावत के नेतृत्व में हो चुके हैं. बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में हर वर्ष 12 जुलाई को पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पेड़ पुरानी पेंशन बहाली के नाम लगाया जाता है. एक समय था पुरानी पेंशन पर हर विधायक सांसद बोलने से बचता था. लेकिन आज पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष हर राजनीतिक पार्टी पुरानी पेंशन पर मुखर होकर बोल रहे है. एक तरफ मात्र एक दिन के कार्यकाल में विधायक सांसद को जीवन भर पुरानी पेंशन और दूसरी तरफ एक सरकारी कर्मचारी जो अपने जीवन के 35 वर्ष देश सेवा में समर्पित करता हैं. उसको मात्र एक हजार पेंशन नहीं टेंशन दिया जरा हैं.
सीताराम पोखरियाल ने कहा है कि देश के सभी एनपीएस कार्मिक साथियों से अपील की है कि पुरानी पेंशन बहाली के विराट संघर्ष में हम सभी को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व मे आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना होगा. आज राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत से देश के 85 लाख एनपीएस कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी, डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, बैंक कर्मी, पुलिस कर्मी, रेलवे कर्मी सभी को उम्मीद और विश्वाश है कि एक दिन पूरे देश से एनपीएस काला कानून व्यवस्था का नामो निशान मिट जायेगा और पुरानी पेंशन बहाल होगी.
सीताराम पोखरियाल ने जोर देकर कहा कि 2024 से पहले जरूर राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाल होगी. हम सभी को दिन रात मेहनत करनी होगी. देश के 85 लाख एनपीएस कार्मिकों ने होली, दीपावली हर तीज त्यौहार को पुरानी पेंशन बहाली मांग से जोड़ा हैं. जो कि आज देश का सबसे बड़ा जन आंदोलन बन चुका हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्णायक मुद्दा बन चुका हैं. अब देखना यह होगा कि केंद्र में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 2024 से पहले कितनी जल्दी देश के एनपीएस कार्मिकों की पीड़ा को समझते हुए पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय लेते हैं.
दूसरे तरफ देश के एनपीएस कार्मिकों के हित में पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय जल्द नही लिया जाता है, तो देश के 85 लाख एनपीएस कार्मिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व मे 2024 में करारा जवाब देने की तैयारी शुरू कर चुके हैं.