हिमाचल : परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली से चुनावी हुंकार भरने वाली कांग्रेस ने 16 फीसदी मतदाताओं पर निशाना साधा है. ओल्ड पेंशन इस विधानसभा चुनाव में कितना अहम मसला होगा. इसका अंदाजा प्रियंका गांधी की ओपीएस कर्मचारियों के समर्थन में लगी ब्रेक ने साबित कर दिया है.
कांग्रेस शुरुआत से ही अपनी प्राथमिकताओं में ओल्ड पेंशन को शामिल करती रही है और जो दस गारंटी पार्टी ने चुनाव से पहले तय की हैं. उनमें भी पहले नंबर पर ओल्ड पेंशन बहाल करने की बात को शामिल किया गया है. ओपीएस मांग रहे कर्मचारियों ने इसकी बहाली की उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी लगाई थी. लेकिन उनकी घोषणाओं में पुरानी पेंशन का जिक्र नहीं आया, लेकिन सोलन में पहली ही रैली में प्रियंका गांधी ऐसा करने में कामयाब रहीं कि तमाम कर्मचारी और कांग्रेस नेता इस बात को भुनाने में लग गए हैं.
दरअसल, सोलन जा रही प्रियंका गांधी का काफिला ओपीएस के लिए क्रमिक अनशन कर रहे कर्मचारियों के पास आकर रुक गया. उन्होंने कर्मियों से बात की और पहली ही कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने का आश्वासन देकर आगे बढ़ गईं. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि ओपीएस केंद्र सरकार की मदद के बगैर हल नहीं हो सकती है, जबकि कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान का हवाला देकर बार-बार इस मुद्दे को हवा दे रही है.