‘प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना’ की शुरुआत 1 जनवरी 2017 से हुई थी। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना में पहली बार गर्भधारण करने वाली एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 5000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना को ‘प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना’ के नाम से भी जाना जाता है।
इस योजना के तहत मिलने वाले 5000 रुपए तीन किश्तों में मिलते हैं। पहली किस्त 1000 रुपये की है जो गर्भधारण के 150 दिन के अंदर पंजीकरण करने पर मिलते हैं। दूसरी किस्त 2000 रुपये की है जो 180 दिन के अंदर लैब में टेस्ट कराने के बाद मिलते हैं। वहीं तीसरी किस्त 2000 रुपये की होती है जो प्रसव तथा शिशु के प्रथम टीकाकरण के बाद मिलती है।
यह राशि सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिलती हैं जो 19 साल या उससे अधिक उम्र की हैं। महिला का 1 जनवरी 2017 या उसके बाद पहली बार गर्भवती होना भी जरूरी है। वहीं सरकारी नौकरी करने वाली या बीपीएल के अंदर न आने वाले महिलाओं को ये राशि नहीं मिलती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास राशन कार्ड, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, माता पिता दोनों का आधार कार्ड, बैंक खाते की पासबुक, माता पिता दोनों का पहचान पत्र इत्यादि होना चाहिए। ध्यान रहे कि महिला का बैंक खाता ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। दरअसल ये रकम सीधे महिला के खाते में भेजी जाती है
पीएम मातृत्व वंदना योजना का लाभ उठाने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन करना होता है। इस रजिस्ट्रेशन का आवेदन आप आशा या एएनएम के जरिये सकते हैं। वहीं ऑनलाइन आवेदन करना है तो उमंग एप या https://wcd.nic.in/ वेबसाइट से भी कर सकते हैं।
दिलचस्प बात ये है कि प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना पात्रता का लाभ सभी महिलाओं को प्रदान किया जाता है। फिर उनका प्रसव सरकारी अस्पताल में हुआ हो या निजी अस्पताल में। हालांकि प्रसव के बाद बच्चे का जिंदा होना जरूरी होता है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महलाओं को गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अच्छा पोषण देना है।