एप डाउनलोड करें

मंदिरों पर टैक्स लगाने वाला विधेयक राज्यपाल ने लौटाया

अन्य ख़बरे Published by: paliwalwani Updated Thu, 21 Mar 2024 08:13 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

बंगलूरू. (RNI) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक सरकार के मंदिरों पर टैक्स लगाने वाले बिल को सरकार को वापस लौटा दिया है. राज्यपाल ने विधेयक में और ज्यादा स्पष्टीकरण के साथ फिर से देने का निर्देश दिया है. इस विधेयक में मंदिरों की कमाई पर टैक्स लगाने का प्रावधान है. भाजपा द्वारा इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है. 

राजभवन की तरफ से कहा गया है कि साल 2011 और 2012 में जो कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पेश किया गया था, उस पर हाईकोर्ट की धारवाड़ पीठ ने रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. 

राजभवन की तरफ से कहा गया है कि उसके बाद से मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. ऐसे में इस पर स्पष्टता जरूरी है कि क्या मामले के लंबित रहने के दौरान उसमें संशोधन किया जा सकता है या नहीं, खासकर जब पूरे विधेयक पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी.

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य के मंदिरों पर टैक्स लगाने के लिए कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 पेश किया था. इस विधेयक के तहत राज्य के जिन मंदिरों की सालाना कमाई 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये के बीच में है, उनसे सरकार पांच प्रतिशत टैक्स वसूलेगी. वहीं जिन मंदिरों की सालाना कमाई एक करोड़ रुपये से अधिक है, उन पर सरकार 10 प्रतिशत टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. 

यह विधेयक विधानसभा के दोनों सदनों से पारित हो चुका है, लेकिन अब राज्यपाल ने इस पर और स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए विधेयक को लौटा दिया है.  

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next