कर्नाटक : कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने मंगलवार को आईआईटी कानपुर के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कोविड -19 की चौथी लहर जून में आ सकती है और इसका प्रभाव अक्टूबर तक अपने चरम पर बना रहेगा. आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट को साझा करते हुए सुधाकर ने कहा, कोरोना की चौथी लहर जून के अंत में शुरू होने की संभावना है लेकिन बहुत सी चीजें पहले ही शुरू हो गई हैं जिससे ये पीक जून के अंत में ही शुरू होने की संभावना है. कोराना संक्रमण की चौथी लहर सितंबर अक्टूबर तक शीर्ष पर बनी रहेगी.
उन्होंने आगे बताया, कोरोना की पिछली लहरों के बारे में कानपुर आईआईटी द्वारा दी गई कुल रिपोर्ट सही साबित हुई थी. अब मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक वैज्ञानिकों का ये अनुमान भी सटीक हो सकता है.
हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को मास्क पहनने और टीका लगवाने जैसे एहतियाती उपाय करके वायरस के साथ जीना सीखना होगा. सुधाकर ने आगे कहा, कोविड महामारी शुरू हुए दो साल हो चुके हैं और हम इसके बारे में पर्याप्त जानकारी इकट्ठा करने में सक्षम हैं. हम यह कहने की स्थिति में नहीं हैं कि वायरस हमारे जीवन से पूरी तरह से चला जाएगा, लेकिन हमें अपना जीवन जीने की भी जरूरत है. इसलिए हमें अपना टीकाकरण करवाना चाहिए और मास्क पहनने के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग को भी बनाए रखना चाहिए होगा.
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को देश के कई हिस्सों में कोविड-19 के नए मामलों को देखते हुए राज्य में मास्क अनिवार्य कर दिया और सोशल डिस्टेंसिंग को भी अनिवार्य कर दिया है. हालांकि राज्य में मास्क नहीं पहनने वालों पर कोई जुर्माना लगाने का फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर थूकने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और जापान से सीधे यात्रा करने वाले यात्रियों के बारे में जहां सूचना मिली वहां हवाई अड्डों से उन पर विशेष निगरानी रखी जाएगी उनका पता और जानकारी लेकर उनके घरों पर उन्हें टेलीमॉनिटर किया जाएगा.
सुधाकर का बयान प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट और पूर्व क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर के प्रोफेसर डॉ टी जैकब जॉन ने मंगलवार को कहा कि भारत में चौथी कोविड -19 लहर की संभावना बेहद कम है. उन्होंने कहा, अगर देश में चौथी लहर आती है तो यह मेरे लिए कुल आश्चर्य की बात होगी.