जब हम किसी बैंक में खाता खोलते हैं तो हमें कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह होता है कि खाता खोलते समय आप नॉमिनी के रूप में किसका नाम दे रहे हैं. ताकि भविष्य में आपके मौजूद न रहने पर वह व्यक्ति उस खाते में जमा रकम आसानी से निकाल सके. बिल्कुल वैसे ही जैसे आप EPFO में करते हैं. जब आपका पीएफ खाता खुलेगा तो उस समय नॉमिनी का नाम भी बताना होगा. ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सभी ईपीएफ सदस्यों के लिए नामांकन अनिवार्य कर
अगर कोई खाताधारक खाते में अपने नॉमिनी का नाम जारी नहीं करता है तो ईपीएफ उसे अपनी सेवाओं से वंचित कर देगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी अनुपस्थिति में कोई भी आपके पीएफ का पैसा नहीं निकाल पाएगा, यानी परिवार को यह पैसा निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए नाम देना अब अनिवार्य हो गया है.
अगर आपने अभी तक ईपीएफओ खाते में नॉमिनी का नाम घोषित नहीं किया है तो आप इसे ऑनलाइन भी कर सकते हैं. पीएफ खाताधारक और उसके परिवार को पीएफ लाभ प्रदान करने में ई-नॉमिनेशन बहुत उपयोगी है. किसी भी खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में भविष्य निधि, पेंशन, बीमा लाभ के मामले में ऑनलाइन दावा और निपटान तभी संभव है जब ई-नामांकन किया जाए. अगर इसके बाद भी नहीं आप नहीं करते हैं तो आपके नहीं रहने पर परिवार को सिविल कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ जाएगा.
नॉमिनी का नाम यह स्पष्ट है कि लोग अपने परिवार के सदस्यों को ही देते हैं. जैसे कोई अपने माता-पिता का नाम देता है या कोई अपनी पत्नी और पति का नाम जारी करता है. यदि किसी व्यक्ति का कोई परिवार नहीं है तो वह किसी अन्य व्यक्ति का नाम दे सकता है. आपको बता दें कि ईपीएफ खाताधारक एक से अधिक लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं. हालांकि, इसके साथ एक शर्त भी होता है कि पैसा किस नॉमिनी को देना है.